चंद्रयान 3 की आज शाम 6 बजकर 4 मिनट पर हो सकती है लैंडिंग
चंद्रयान-3, DDC : चंद्रयान-3 पूरे विश्व में भारत का डंका बजाने निकला है और 23 अगस्त की शाम चांद पर लैंडिंग का प्लान है, लेकिन आपको पता है कि यान की सॉफ्ट लैंडिंग चांद पर कैसे कराई जाएगी? प्रज्ञान रोवर कैसे विक्रम लैंडर से अलग होगा और नन्हे-मुन्नों के चंदा मामा से मिलते ही उसका पहला काम क्या होगा? तो आइए जानते हैं दिमाग में घूम रहे ऐसे की तमाम सवालों के जवाब।
Question 1 – क्या है सॉफ्ट लैंडिंग और यान चांद तक पहुंचने में कितने दिन लगेंगे
Answer – अंतरिक्षयान ग्रह पर उतरते वक्त किसी तरह का नुकसान हो। ऐसे में उसे अंतिम छणों में उसे पैराशूट के जरिये ग्रह पर उतारा जाता है और उसी प्रक्रिया को सॉफ्ट लैंडिंग कहते हैं। चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचने में करीब 40 दिन लगेंगे।
Question 2 – अंतरिक्ष जाने वाले सभी रॉकेट सफेद क्यों होते हैं?
Answer – रॉकेट मुख्य रूप से सफेद होते हैं ताकि स्पेसक्राफ्ट गर्म न हो। साथ ही इसके अंदर क्रायोजेनिक प्रोपलेंट्स यानी प्रणोदकों को लॉन्चपैड पर और लॉन्चिंग के दौरान सूर्य के रेडिएशन के संपर्क में आने के परिणामस्वरूप गर्म होने से बचाया जा सके।
Question 3 – चांद पर उतरने के बाद क्या करेंगे विक्रम और प्रज्ञान
Answer – चांद पर उतरने के बाद विक्रम लैंडर खुलेगा और प्रज्ञान रोवर के लिए रैम्प बनाएगा, इसके बाद वह चांद की सतह पर उतरेगा। प्रज्ञान अपने नेविगेशन कैमरा के जरिए चांद से जुड़ी चीजें धरती पर भेजेगा।
Question 4 – चांद के दक्षिण ध्रुव पर क्या खास है?
Answer – चंद्रमा का दक्षिणी ध्रुव तुलनात्मक रूप से कम ठंडा है। इस इलाके में अंधेरा भी कम रहता है।
Question 5 – चांद का एक लूनर डे धरती के कितने दिन के बराबर होता है?
Answer – चांद का एक लूनर डे यानी चांद पर एक दिन बिताना धरती पर 14 दिन गुजारने के बराबर होता है। प्रज्ञान रोवर की उम्र कुल 14 दिन है, जो चांद के लिए एक दिन के बराबर है।
Question 6 – चांद पर उतरते ही विक्रम लैंडर का पहला काम क्या होगा?
Answer – चांद की सतह पर उतरते ही विक्रम लैंडर का एक साइड पैनल मुड़ जाएगा, जिससे प्रज्ञान रोवर के लिए रास्ता खुल जाएगा। रोवर का नाम प्रज्ञान है। ये 6 पहियों वाला रोबोटिक व्हीकल है, जो चंद्रमा पर चलेगा और तस्वीरें लेगा।