आपस में एक दूसरे के काम आना ही इसलाम का पैग़ाम : मुफ़्ती तौहीद क़ासमी

आपस में एक दूसरे के काम आना ही इसलाम का पैग़ाम : मुफ़्ती तौहीद क़ासमी

हुजैफा फरीदी न्यूज़ इण्डिया टुडे

शेरकोट।बीती रात क़स्बा शेरकोट की ऐतिहासिक शाही जामा मस्जिद में ईशा की नमाज़ के बाद एक इस्लाही प्रोग्राम मुनअक़िद हुआ जिसके अंदर क़दीम मारूफ़ दीनी दरस्गाह जामिया क़ासिमिय्या शाही मुरादाबाद के उस्ताद *_मोहतरम जनाब मौलाना मुफ़्ती मुहम्मद तौहीद साहब क़ासमी दामत बरकातुहुम_* तशरीफ़ लाए । मेहमान ए मुकर्रम का बयान सुनने के लिए बड़ी तादाद में लोगों ने शिरकत की । शहर क़ाज़ी व इमाम जामा मस्जिद मुफ़्ती मुहम्मद ज़की एजाज़ ख़ान क़ासमी देवबंदी के संचालन में शुरू हुए प्रोग्राम के अंदर मुरादाबाद से आने वाले नौजवान आलिम ए दीन, मुक़र्रिर शीरीं बयान मोहतरम जनाब मुफ़्ती तौहिद साहब दामत बरकातुहुम ने अपने अहम ख़िताब में हदीस शरीफ़ का हवाला देते हुए चार चीज़ों पर ख़ुसूसी रोशनी डाली । रसूलुल्लाह सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का फ़रमान है कि जिस शख़्स ने चार काम पाबंदी से कर लिये, उसको अल्लाह तआला जन्नत के अंदर शीश महल अता फ़रमाएंगे । सबसे पहले ज़बान का सही इस्तेमाल करे। बोलचाल और गुफ़्तगू में मिठास हो, लोग उससे बात करके ख़ुशी महसूस करें। दूसरे ज़रूरतमंदों, कमज़ोरों, ग़रीबों और बेसहारों के काम आए, भूकों को खाना खिलाए। तीसरे नफ़ली रोज़ा रखने का एहतमाम करे। चौथे फ़र्ज़ नमाज़ों के अलावा तहज्जुद की नमाज़ का ख़ास ख़्याल रखे। आख़िर में हज़रत मुफ़्ती साहब ने समाज में फैली बुराइयों और कुरीतियों पर भी नसीहत की । प्रोग्राम में शहर की अवाम और मुअज़्ज़ लोगों ने शिरकत की जिन में शहर इमाम मुफ़्ती मोहम्मद ज़की एजाज़ ख़ान का़समी,हाजी शरीफ़ खाँ, समाजसेवी ग़ुफ़रान राजा, शेख़ मोनिश अहमद, मौलाना इलयास क़ासमी का़री शह़जाद,डॉक्टर रिज़वान अहमद अफ़सर ख़ान फ़रमान ख़ान मोहम्मद मुशर्रफ़, हकीम ताजुद्दीन, क़ासिम खान, मुंफ्ती दानिश मोहम्मद अ़करम आदी मौजूद रहे और कनवीनर क़ारी शहज़ाद अहमद मोहम्मद फैसल, इरशाद अहमद साहब रहे। मुल्क व मिल्लत के लिए हज़रत मुंफ्ती साहब की दर्दभरी दुआ पर मजलिस ख़त्म हुई ।

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