यूपी STF के जाबांज जिनकी तारीफ सीएम योगी जी ने भी है, कौन-कौन से चेहरे है आइए जानते है

यूपी STF के जाबांज जिनकी तारीफ सीएम योगी जी ने भी है, कौन-कौन से चेहरे है आइए जानते है

लखनऊ ब्यूरो रिपोर्ट

लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने असद और गुलाम को झांसी में एक एनकाउंटर के दौरान मार गिराया. पुलिस के मुताबिक, इस एसटीएफ टीम में कुल 12 पुलिसकर्मी शामिल थे. इस टीम को डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार और विमल कुमार सिंह लीड कर रहे थे.झांसी में हुए इस एनकाउंटर के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने STF की उस टीम की तारीफ की, जिसने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया

नवेन्दु कुमार यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर के पद पर भर्ती हुए थे.
प्रमोशन मिलने के बाद वो पीपीएस अधिकारी भी बने. 2009 और तारीख 16 जून. STF की टीम ने चित्रकूट के राजापुर थाने के जमौली गांव में घनश्याम केवट नाम के डकैत को घेर लिया था. वो एनकाउंटर 52 घंटे चला था, कई बड़े पुलिस अधिकारी घायल हुए थे, जिसमें नवेन्दु के भी हथेली पर गोली लग गई थी.2008 और 2014 में नवेन्दु कुमार को राष्ट्रपति की तरफ से वीरता पदक मिल चुका है.

इस ऑपरेशन में दूसरा चर्चित नाम विमल सिंह का है. विमल यूपी एसटीएफ के लखनऊ मुख्यालय पर DSP के पद पर हैं.जुलाई का महीना और साल 2007. सालों से परेशानी का सबब बने ददुआ की लोकेशन एकदम सटीक मिल गई थी. STF की टीम ने घेर लिया, चित्रकूट के झमगल जंगल में ददुआ को मार गिराया गया. STF की उस टीम में विमल कुमार सिंह शामिल थे.

एनकाउंटर में जो पुलिसकर्मी शामिल थे.

नवेन्दु कुमार और विमल कुमार सिंह के अलावा इस टीम में कई इंस्पेक्टर और हेड कॉन्स्टेबल भी शामिल थे. इनमें अनिल कुमार सिंह (इंस्पेक्टर), ज्ञानेंद्र कुमार राय (इंस्पेक्टर), विनय तिवारी (सब इंस्पेक्टर), पंकज तिवारी (हेड कॉन्स्टेबल), सोनू यादव (हेड कॉन्स्टेबल), सुशील कुमार (हेड कॉन्स्टेबल), सुनील कुमार (हेड कॉन्स्टेबल), भूपेंद्र सिंह (हेड कॉन्स्टेबल), अरविंद कुमार (कमांडो) और दिलीप यादव (कमांडो) शामिल थे.

आइए, जानते हैं कि यूपी पुलिस के टॉप एनकाउंटर स्पेशलिस्ट ऑफिसर कौन हैं जिनके नाम से ही बड़े से बड़े अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं।

राजेश कुमार पांडेय
आईजी के पद से रिटायर्ड आईपीएस राजेश कुमार पांडेय के नाम पर 50 से अधिक एनकाउंटर दर्ज हैं। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के रहने वाले राजेश कुमार पांडेय को चार बार वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। एसएसपी रहते हुए राजेश कुमार पांडेय ने ही कुख्यात श्रीप्रकाश शुक्ला को एनकाउंटर में ढेर किया था। बनारस ब्लास्ट में शामिल आतंकवादी सलार को भी राजेश कुमार पांडेय ने मार गिराया था। हमेशा आम लोगों से अपराधियों के बारे में जानकारी जुटाने वाले राजेश कुमार पांडेय का नेटवर्क बनाने में कोई तोड़ नहीं है।

दीपक कुमार
आईजी के पद पर कार्यरत दीपक कुमार सख्त पुलिसिंग को लेकर मशहूर हैं। आईजी रेंज आगरा बने दीपक कुमार आईजी रेंज अलीगढ़ थे। उससे पहले चित्रकूट धाम रेंज डीआईजी के पद पर तैनात रहे। इससे पहले अयोध्या के एसएसपी और डीआईजी के पद पर भी दीपक कुमार तैनात रह चुके हैं।

अमिताभ यश
उत्तर प्रदेश कैडर के आईपीएस अमिताभ यश ने और उनके निर्देशन में पुलिस टीम ने अब तक 150 से ज्यादा बदमाशों का एनकाउंटर किया है। उनके पिता राम सिंह यश भी आईपीएस रहे।अमिताभ यश ने यूपी एसटीएफ में रहते हुए ददुआ जैसे दुर्दांत डकैतों को मार गिराया था। उसके अगले ही दिन से ऑपरेशन ठोकिया शुरू हुआ और उसे भी अमिताभ यश की टीम ने खत्म कर दिया। इसके बाद विकास दुबे कांड की कमान अमिताभ यश को मिली थी। उसके बाद से ये कांड गाड़ी पलटने के नाम से मशहूर हो गया है।

अनंत देव तिवारी
उत्तर प्रदेश पुलिस में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के तौर पर मशहूर अनंत देव तिवारी इन दिनों यूपी एसटीएफ में तैनात हैं।अनंत देव अब तक 60 से अधिक एनकाउंटर कर चुके हैं। पुलिस वालों को मारने वाले ठोकिया गैंग के लीडर ददुआ के एनकाउंटर में भी अनंत देव की बड़ी भूमिका थी। अनंत देव को भी कई बार वीरता पुरस्कार मिल चुका है।

प्रशांत कुमार
उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार और उनकी टीम ने साल 2017 से लेकर अब तक योगी शासन में सिर्फ उत्तर प्रदेश में 35 से ज्यादा बड़े केस निपटाए हैं। वहीं, उत्तर प्रदेश के लगभग सभी बड़े पुलिस ऑपरेशंस उनकी निगरानी में अंजाम दिए जाते हैं।
खूंखार संजीव जीवा, कग्गा, मुकीम काला, सुशील मूंछ, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, विक्की त्यागी या साबिर गैंग में शायद ही ऐसा कोई गैंग होगा जिसके चार-पांच गुर्गों को प्रशांत कुमार या उनकी टीम ने ठिकाना न लगाया हो।

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