भीषण भूकंप से तबाही के बाद राहत भेजने के लिए तुर्की ने भारत का शुक्रिया अदा किया

भीषण भूकंप से तबाही के बाद राहत भेजने के लिए तुर्की ने भारत का शुक्रिया अदा किया

रिपोर्ट, न्यूज़ इण्डिया टुडे ब्यूरो

दिल्ली। तुर्की और पाकिस्तान की दोस्ती शीत युद्ध के जमाने में शुरू हुई थी। तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाया था भारतीय विमान को पाकिस्तान ने नहीं दिया रास्ता, राहत सामग्री लेकर तुर्की जा रहा था एयरक्राफ्ट जिसके चलते उसे कई चक्कर लगाकर दूसरे रूट से तुर्की में उतरना पड़ा।पाकिस्तान की इस हरकत से दुनिया भर में उसकी छवि और धूमिल हुई है। भारत ने राहत तथा मेडिकल टीमें तुर्की के लिए रवाना की हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि बैठक में तय किया गया कि NDRF की खोज तथा राहत टीमें और मेडिकल टीमें राहत सामग्री के साथ तुर्की सरकार से समन्वय कर तुरंत रवाना की जाएंगी.24 घंटे के भीतर एक के बाद एक तीन भूकंप से दहल गए तुर्की को राहत प्रदान करने के लिए तुर्की ने भारत को ‘दोस्त’ करार दिया. भारत में तुर्की के राजदूत फिरात सुनेल ने हिन्दुस्तान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, “दोस्त वही, जो ज़रूरत में काम आए. “फिरात सुनेल ने लिखा, “तुर्की और हिन्दी, दोनों भाषाओं में ‘दोस्त’ शब्द होता है. हमारी एक तुर्की कहावत है: “दोस्त कारा गुंडे बेल्ली ओलुर” (दोस्त वही, जो ज़रूरत में काम आए) बहुत-बहुत शुक्रिया, भारत” भारत ने राहत तथा मेडिकल टीमें तुर्की के लिए रवाना की हैं. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने कहा कि बैठक में तय किया गया कि NDRF की खोज तथा राहत टीमें और मेडिकल टीमें राहत सामग्री के साथ तुर्की सरकार से समन्वय कर तुरंत रवाना की जाएंगी. PMO ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रीय आपदा राहत बल (National Disaster Relief Force या NDRF) की दो टीमें, जिनमें 100 कर्मी, विशेष रूप से प्रशिक्षित डॉग स्क्वाड और आवश्यक उपकरण शामिल हैं, भूकंप प्रभावित इलाकों में तलाश तथा राहत ऑपरेशन संचालित करने के लिए उड़ान भरने को तैयार हैं. आवश्यक दवाओं व प्रशिक्षित डॉक्टरों और पैरामेडिक्स के साथ मेडिकल टीमें भी तैयार की जा रही हैं… तुर्की सरकार, अंकारा स्थित भारतीय दूतावास तथा इस्ताम्बूल स्थित कॉन्स्यूलेट जनरल कार्यालय से समन्वय कर राहत सामग्री भी भेजी जाएगी. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पी.के. मिश्रा ने साउथ ब्लॉक में तत्काल राहत के उपायों पर चर्चा के लिए बैठक की, जिसमें कैबिनेट सचिव के साथ-साथ गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA), NDRF, रक्षाबलों, विदेश मंत्रालय व नागरिक उड्डयन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे.

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