
नगीना में छुट्टा गोवंश किसानों की फसलों को कर रहे बर्बाद
रिपोर्ट, आफसार सिद्दीकी
नगीना- मिली जानकारी के अनुसार गत 15 दिसंबर वर्ष 2022 को भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के कार्यकर्ताओं द्वारा क्षेत्र के जंगलों व नगर में फिर रहे छुट्टा गौवंशों को पकड़कर ट्रेक्टर ट्रालियों में भरकर लाकर तहसील परिसर में लाकर बांध कर। भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता तहसील में ही एसडीएम कार्यालय के सामने धरना देकर बैठ गए थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने रात्रि में ही आनन फानन में 6 बड़े ट्रकों में गौवंश भरकर रातों रात अपने जनपद की तहसीलों व अन्य जनपदों की तहसीलों में बनी गौशालाओं में गौवशों को पहुंचवा कर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं को प्रशासनिक अधिकारियों ने छुट्टा गौवंशों को छोड़ने वाले लोगों की जांच-पड़ताल कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कराने व क्षेत्र के जंगलों व नगर में फिर रहे गौवंशों को पकड़वाकर गौशालाओं में पहुंचवाने के आश्वासन के बाद भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट के कार्यकर्ताओं ने धरना समाप्त कर दिया था। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों के आश्वासन के बाद आज भी छुट्टा गौवंशं बुढावाला, गांवड़ी, कोटरा, बेनीपुर,तुखमापुर आदि क्षेत्रों के जंगलों में खेतों में खड़ी हरी भरी सरसों, गेंहू,की फसलों व हरे चारे बरसींन को उजाड़ रहे है। जिससे छुट्टा गौवंशों ने किसानों की रात की नींद हराम कर रखी है। दिन का चयन सकून खत्म करके रख रखा है। लेकिन प्रशासनिक अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है।
उधर नगर के बाजारों व गली मौहल्लों की सड़कों पर भी गौवंशो को घूमते फिरते हुए देखे जा सकते हैं। कड़ाके की ठंड शीतलहर चल रही है। लोगों के शरीर ठंड से कांप रहे हैं। ठंड से बचने के लिए लोग आग का अलाव जलाकर बैठे हाथ तापते हुए हर जगह दिखाई दे रहे। धर्म के ठेकेदार व अधिकारी एवं गौवंशो का दुध पीकर उन्हें छुट्टा छोड़ने वाले मालिक ठंड में अपनी रजाइयों के अंदर बैठे हुए हैं। लेकिन मंडी मौलगंज स्थिति बने रामलीला मंच के बाहर बेजुबान कमजोर एक छुट्टा गौवंश को इस कड़ाके की ठंड व शीतलहर में लोगों ने पकड़ कर बांध दिया है। जो ठंड से बुरी तरह कांप रही है। सरकार छूट्टा गौवंशों के रखरखाव के लिए। मोटी रकम खर्च कर रही है। और अधिकारियों को भी उनकी देखभाल के लिए जिम्मेदारी सौंप रखी है। नगर के लोगो का कहना है कि इसीकमजोर एक गौवंश को ठंड में खुले आसमान के नीचे बंधे हुए देखकर अनुमान लगाया जा सकता है। प्रशासनिक अधिकारीयों को सरकार द्वारा गौवंशों की देखभाल के लिए सौंपी जिम्मेदारी किस तरह निभा रहे हैं।