ओबीसी आरक्षण खत्म करने पर पक्ष, विपक्ष खफा
एम. क्यू. मलिक संवाददाता
बिजनौर । निकाय चुनाव मैं हाई कोर्ट लखनऊ पीठ द्वारा ओबीसी का आरक्षण रद्द किए जाने से जहां विपक्ष वाली पार्टियां इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बता रही हैं वहीं मौजूदा सरकार भी इसके खिलाफ नजर आ रही है ।
समाजवादी पार्टी के प्रतिपक्ष नेता कहे जाने वाले शिवपाल यादव ने कहा पिछड़ा वर्ग पसमांदा ओबीसी को आरक्षण दिलाने के लिए जितना बड़ा आंदोलन करना पड़ा था उससे बड़ा आंदोलन इसे बचाने के लिए करना पड़ेगा समाजवादी पार्टी इस सामाजिक न्याय की लड़ाई के लिए संघर्ष करने तैयार है हम हर तरह की लड़ाई लड़ेंगे सर्वोच्च न्यायालय के दरवाजे पर भी पहुंचकर ओबीसी के आरक्षण को सुरक्षित रखने के लिए गुहार लगाएंगे । उधर मुख्यमंत्री योगीआदित्यनाथ जी ने भी स्पष्ट क्या है कि उत्तर प्रदेश सरकार नगरीय निकाय सामान्य निर्वाचन के परिप्रेक्ष्य में आयोग गठित करके ट्रिपल टेस्ट के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी के नागरिकों को आरक्षण की सुविधा उपलब्ध कराएगी इसके बाद ही नगर निकाय सामान्य निर्वाचन संपन्न कराए जाएंगे ।
जिले भर में चुनाव की तैयारियां शबाब पर आने लगी थी पर मामला कोर्ट में पहुंचने पर धीरे-धीरे हल्की पड़ने लगी थी अब कोर्ट का फैसला आने पर फिलहाल इलेक्शन की संभावनाएं खतम सी हो गई है चेयरमैन बनने का दम भरने वाले व मेंबरी का चुनाव लड़ने वाले और समर्थकों में अब मायूसी छाई हुई है ।
शेरकोट से माननीय न्यायालय द्वारा ओबीसी का आरक्षण खत्म करने पर लोगों में नाराजगी है इनका कहना है कि गरीब मजदूर मजलूम पिछड़ा वर्ग पिछड़ी जाति पिछड़ा समाज को मुख्यधारा में लाने के लिए हमारे संविधान में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने आरक्षण का प्रावधान बनाया है जो ओबीसी वर्ग के उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है इस आरक्षण की वजह से पिछड़े लोगों को भी आगे आने का अवसर प्राप्त होता है न्यायालय को इनके आरक्षण की रक्षा सुरक्षा करनी चाहिए लेकिन यहां कोर्ट दुर्भाग्यपूर्ण फैसला दे रहा है जिसको किसी भी सूरत में जनता स्वीकार नहीं करेगी कोई भी जनता हितेषी सरकार ओबीसी आरक्षण को खत्म नहीं करना चाहेगी हाजी नसीम अहमद ,अदनान राईन, हुजैफा फरीदी, ठाकुर अर्जुन सिंह, सोहेल इदरीसी, गुफरान राजा, कारी रईस अहमद , मेहताब अजीम, शहजादा परवेज एडवोकेट आदि ने कोर्ट के इस फैसले को अनुचित ठहराया है ।