
बढती शीत लहर व ठंड से पशुओं के बचाव में प्रशासन ने पशु पालकों को दिए सुझाव
सर्दी के मौसम में दुधारू पशुओ को पुराल नहीं खिलाना चाहिए
रिपोर्ट, न्यूज़ इण्डिया टुडे ब्यूरो
बिजनौर। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) अरविन्द कुमार सिंह ने पशुपालकों को बढती शीत लहरी व ठंड से पशुओं के बचाव के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि सर्दी के मौसम में पशुओं को हरा चारा व मुख्य चारा 1 से 3 के अनुपात में खिलाना चाहिए। पशु जहां विश्राम करते हैं वहां पुराल, भूसा, पेड़ों की पत्तियां बिछाना चाहिए। सर्दी के मौसम में पशु को ताजा पानी ही पिलाए जो अधिक ठंडा या अधिक गर्म ना हो।
उन्होंने कहा कि सर्दी के मौसम में पशु को बरसीन या अन्य हरा चारा खिलाने से पहले थोड़ा सा सूखा चारा खिलाएं तथा बरसीन चारे को सूखे चारे में मिलाकर खिलाना चाहिए। जो पशुपालक पशुओं को पुराल खिलाते है वह ध्यान रखें कि पुराल में फफूद ना लगी हो। पशु को साफ तथा सूखा रखे, यदि अधिक सर्दी एवं तेज हवा चलती हो तो नहाने के बजाय पशुओं को मोटे ब्रश से रगड़ कर साफ करें।
उन्होंने कहा कि बछड़े और बछड़ियों को सर्दी लगने के कारण बहुत संख्या में मृत्यु होने का डर होता है। सर्दी में पशुओं को सबुह 9.00 बजे से पहले और शाम को 5.00 बजे के बाद पशुशाला के बाहर ना निकालें। सर्दी के मौसम में दुधारू पशुओ को पुराल नहीं खिलाना चाहिए।