हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे डॉक्टर

हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे डॉक्टर

रिपोर्ट, मुकेश कुमार

हल्द्वानी स्थित राजकीय मेडिकल कॉलेज पूरे कुमाऊं क्षेत्र में सबसे ज्यादा गरीब मरीजों के लिए जीवन बचाने का एकमात्र साधन है। मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ राजकीय सुशीला तिवारी चिकित्सालय में लोग कुमाऊं के 6 जिलों से बड़ी संख्या में उपचार कराने आते हैं, लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि आज भी मेडिकल कॉलेज में 100 से अधिक असिस्टेंट प्रोफेसर और डॉक्टरों के पद खाली है। हैरानी की बात यह है कि लगातार भर्ती करने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में नौकरी के लिए डॉक्टर दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। पिछले दिनों हुई भर्ती में भी 100 डॉक्टरों की भर्ती थी जिसमें महज 13 डॉक्टर इंटरव्यू के लिए पहुंचे जिनमें से 9 सलेक्ट हुए। मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य अरुण जोशी के मुताबिक अभी भी अस्पताल में गयकनोलॉजी, मेडिसन, कार्डियोलॉजी विभाग में कई प्रोफेसर वह असिस्टेंट प्रोफेसर की जगह खाली है इसके अलावा अन्य विभागों में मिलाकर 100 के आसपास पद खाली हैं। लेकिन डॉक्टर इसलिए दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं कि अब उत्तर प्रदेश में भी 50 से अधिक मेडिकल कॉलेज हो चुके हैं पहले यूपी से ज्यादातर डॉक्टर यहां काम करने आते थे अब वह अपने क्षेत्र में ही नौकरी पा ले रहे हैं। डॉक्टरों की दिलचस्पी न दिखाने की वजह से न सिर्फ राजकीय मेडिकल कॉलेज की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए दिक्कत है बल्कि कुमाऊं घर से अस्पताल में इलाज कराने वाले लोगों को भी रोजाना डॉक्टरों की कमी से दो चार होना पड़ रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: