विदुरकुटी पर बनना शुरू हुआ जैव विविधता पार्क,अब जल्द ही महात्मा विदुर की धरती अपनी पौराणिकता के साथ सुंदरता और हरियाली के लिए भी जानी जाएगी

विदुरकुटी पर बनना शुरू हुआ जैव विविधता पार्क,अब जल्द ही महात्मा विदुर की धरती अपनी पौराणिकता के साथ सुंदरता और हरियाली के लिए भी जानी जाएगी

 

ब्यूरो रिपोर्ट

बिजनौर। अब जल्द ही महात्मा विदुर की धरती अपनी पौराणिकता के साथ सुंदरता और हरियाली के लिए भी जानी जाएगी। जैव विविधता पार्क बनाने के लिए वन विभाग को बजट की पहली किस्त के तौर पर 60 लाख रुपये मिल गए हैं। इससे यहां पर फेंसिंग, नर्सरी और हट बनाने का काम शुरू करा दिया गया है। वन विभाग के अफसरों ने कार्ययोजना को कागजों से धरातल पर उतारने के लिए वहां का दौरा भी किया।विदुरकुटी की पौराणिकता से हर कोई वाकिफ है। इसके बावजूद दशकों से यह जगह उपेक्षा का शिकार थी। पिछले दो साल से यह जगह फिर से पहचान पाने लगी है। जहां एक ओर यहां सुंदरीकरण का काम हुआ, वहीं वृद्धा आश्रम भी वापस आया। इसके अलावा गंगा की धारा विदुरकुटी के पास लाने के लिए भी प्रयास लगभग सफलता की ओर हैं। इसके अलावा इस जगह जैव विविधता पार्क भी बनाए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। यह योजना अब धरातल पर उतरने लगी है। इस पार्क के लिए वन विभाग को पहली किस्त के तौर पर 60 लाख रुपये मिल चुके हैं। विदुरकुटी पर विकसित किए जाने वाले पार्क में अलग-अलग वाटिकाएं बनेंगी। जिसमें नक्षत्र वाटिका, पंचवटी वाटिका खास होगी। इनमें ग्रह नक्षत्रों के अनुसार पौधे लगाए जाएंगे। ये पौधे जनपद में मुश्किल से ही दिखाई देते हैं। इसके अलावा फलदार और छायादार पौधे भी लगेंगे। रुद्रा वन भी बनेगा, जिसमें भगवान शिव से संबंधित पौधे लगेंगे। कल्पतरु वन भी बनेगा। जलीय परितंत्र भी विकसित किया जाएगा, जिसमें कमल, मछली और कछुआ आदि रहेंगे। खुशबू देने वाले पौधे भी रोपे जाएंगे। तेजी से शुरू हो चुका है काम : एसडीओ, एसडीओ ज्ञान सिंह ने बताया कि विदुरकुटी के पास जैव विविधता उद्यान के लिए प्रस्तावित साढ़े छह करोड़ रुपये के बजट में से पहली किस्त 60 लाख की जारी हुई है। वहां फेंसिंग, पार्क में लगने वाले पौधों की नर्सरी, हट तैयार किए जा रहे हैं। इसके बाद शीतकालीन पौधरोपण भी होगा। पार्क का मानचित्र भी तैयार किया जा चुका है। यह कई जोन में विभाजित होगा, एक जोन में हर्बल पार्क बनाएंगे।

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