डीएम ने शेरकोट खों नदी का जलस्तर व धामपुर-शेरकोट मार्ग स्थित बंधे पर मरम्मत का कार्य व गौशाला का औचक निरीक्षण किया
रिपोर्ट, हुजैफा फरीदी न्यूज़ इण्डिया टुडे
शेरकोट। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा आज धामपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत खो नदी के जल स्तर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान शेरकोट में खों नदी का जलस्तर निरन्तर घटता तथा धामपुर-शेरकोट मार्ग स्थित बंधे पर मरम्मत का कार्य भी प्रगति पर हुआ पाया गया। उन्होंने बाढ़ नियंत्रण अधिकारी को निर्देश दिए कि जलस्तर की निरंतर निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें और जिस स्थान पर भी कटान का अंदेशा हो तत्काल वहां कटाव को रोकने के लिए समुचित प्रबंध किए जाएं। उत्तराखण्ड में हो रही लगातार बारिश और बादल फटने की वजह से खो नदी का जलस्तर बढ़ने से शेरकोट के निकट नन्दगांव के आसपास जलभराव की निकासी तथा लोक निर्माण विभाग द्वारा निर्माणाधीन पुलिया के कारण सड़क पर पानी चलता हुआ पाए जाने पर उन्होंने संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए कि सड़क के दोनों ओर प्रतीक चिन्ह लगाएं ताकि किसी भी प्रकार की दुर्घटना की सम्भावना उत्पन्न न होने पाए। उन्होंने खो नदी के किनारे बसे नन्दगांव के करीब कटान स्थल का बारीकी से जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारी को कटावरोधी कार्यों में अपेक्षित तेजी लाने और पूर्ण गुणवत्ता के साथ कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने उप जिलाधिकारी सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को गांव को बाढ़ से सुरक्षित रखने के उपायों के साथ ही राहत एवं बचाव से संबंधित सभी तैयारियां पूरी रखने के भी निर्देश दिये। इसके अतिरिक्त उन्होंने खो बैराज शेरकोट एवं शेरकोट तटबन्ध का निरीक्षण करते हुए संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को जलस्तर एवं संभावित कटाव की सतत निगरानी रखते हुए आवश्यक कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए। अधिशासी अभियंता अफजलगढ़ सिंचाई खंड धामपुर राकेश कुमार ने जिलाधिकारी को जानकारी देते हुए बताया कि पडाड़ से 95 क्यूसिक पानी छोड़ा गया था, परन्तु अब नदी में केवल 55 क्यूसिक जल शेष है, जो निरन्तर रूप से कम हो रहा है।
इस अवसर पर अधिशासी अभियंता अफजलगढ़ सिंचाई खंड धामपुर राकेश कुमार, उप जिलाधिकारी धामपुर मोहित कुमार, सहायक अभियंता नवरत्न सिंह, सतपाल सिंह, जूनियर इंजीनियर नवीन शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे तो वहीं जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने आज शेरकोट बीए स्थित गौशाला का औचक रूप से निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान गोशाला में 144 पशु संरक्षित पाए गए तथा उनके चारे के लिए भण्डार में पर्याप्त मात्रा में भूसा भी संरक्षित पाया गया। इस अवसर पर जिलाधिकारीे द्वारा अपने हाथों से गोवंशों को हरा चारा खिलाया। निरीक्षण के दौरान गौशाला में सफाई व्यवस्था एवं पशुओं को पानी एवं चारे की व्यवस्था दुरूस्त मिली। उन्होंने निर्देश दिए कि नियमित रूप से गौशाला में पशुओं के स्वास्थ्य का नियमित रूप से परीक्षण कराएं और यदि कोई बीमार अवस्था में पाया जाए तो तत्काल उसके उपचार की समुचित व्यवस्था करना सुनिश्चित करें। उन्होंने गौशाला के चारों ओर बंदरों से गोवंशों को सुरक्षित रखने के लिए बनायी गयी लोहे की जाली लगाए जाने के कार्यों की सराहना की। उन्होंने मौके पर मौजूद पशु चिकित्साधिकारी से संरक्षित गोवंशों के स्वास्थ्य के परीक्षण के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की, जिस पर उन्होंने बताया कि वर्तमान में गौशाला में केवल दो गोवंश बीमार हैं, जिनका नियमित रूप से उपचार किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके द्वारा गोशाला में नियमित रूप से गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।
इस अवसर पर उपजिलाधिकारी धामपुर मोहित कुमार, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद शेरकोट कृष्ण मुरारी, सहायक अभियंता नवरत्न सिंह, सतपाल सिंह, जूनियर इंजीनियर नवीन शर्मा, सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा विकास खण्ड अफजलगढ़ के गुलदार प्रभावित ग्राम पंचायत शाहपुर जमाल में वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया एवं वन विभाग द्वारा की जा रही कार्यवाही का आकस्मिक रूप से निरीक्षण किया गया। उन्होंने निर्देश दिए कि इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए समुचित रणनीति बनाएं और सर्चिगं टीमों सजगता और सतर्कता के साथ गुलदार को पकड़ने की कार्यवाही करें। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा गुलदार को पकड़ने वाली टीमों की सुरक्षा एवं कार्य की सुगमता के यथासंभव सामग्री अथवा संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं ताकि जिले के लोगों को गुलदार के आतंक से सुरक्षित रखा जा सके। ग्रामवासियों की मांग पर उन्होंने डीएफओ को गांव के आसपास गुलदार को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में आदमखोर गुलदार का आतंक बना हुआ है, उसको पकड़ना नितांत आवश्यक है ताकि जनसामान्य में उसके भय का अंत हो सके और लोग खेतों में आसानी के साथ आवागमन कार्य कर सकें। उन्होंने टीम के सदस्यों को निर्देश दिए कि गुलदार की ट्रैकिंग अथवा कांबिंग के लिए टीम के सदस्य किसी भी अवस्था में बिना हेलमेट, गर्दन एवं चेस्ट कवर के बिना क्षेत्र में जाने का साहस न करें क्योंकि गुलदार का वार सिर, गर्दन एवं सीने पर ही अधिकतर होता है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गुलदार से बचाव के लिए व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करें और पंपलेट आदि का वितरण कराएं। ग्रामवासियों द्वारा गांव के पास स्थित पुलिया पर अधिकतर रूप से गुलदारों को बैठे अथवा चलते-फिरते देखे जाने की सूचना को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने डीएफओ को तत्काल उनको पकड़ने के लिए पिंजरा स्थपित करने के निर्देश दिए।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा द्वारा इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीण बंधुओं का आह्वान किया गया कि जंगल में किसी भी अवस्था में अकेले न जाएं और जरूरत पड़ने पर ही खेतों में लाठी-डंडे लेकर ग्रुप के साथ जाएं ताकि किसी भी प्रकार की जनहानि का खतरा न होने पाए। उन्होंने ग्राम वासियों को सलाह दी कि जंगल, खेत में जाते वक्त हेलमेट, गर्दन व सीने के बचाव के लिए कवर का प्रयोग करें ताकि गुलदार के अचानक किए गए हमले से उनकी जान सुरक्षित रहे। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि गुलदार को पकड़ने के लिए जिला प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्रवाइयों में सहयोग प्रदान करें और गुलदार से सुरक्षित रहने के लिए भी सुरक्षात्मक उपायों का प्रयोग करें। इस अवसर पर डीएफओ अरूण कुमार, उप जिलाधिकारी धामपुर मोहित कुमार ,एसडीओ वन ज्ञान सिंह, वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया के सदस्य सहित वन एवं पुलिस विभाग के अधिकारी तथा ग्रामीण मौजूद थे।