शमशाबाद ग्रामीण इलाकों में अन्ना जानवरों का आतंक, बर्बाद हो रही फसले कर्जदार हो रहे किसान 

शमशाबाद ग्रामीण इलाकों में अन्ना जानवरों का आतंक, बर्बाद हो रही फसले कर्जदार हो रहे किसान

रिपोर्ट, न्यूज़ इण्डिया टुडे ब्यूरो

महाराष्ट्र के शमसाबाद में किसानों ने जिलाधिकारी फर्रुखाबाद से दर्जन भर क्षेत्र में लगभग दो दर्जन अन्ना जानवरों को पकड़बाएं जाने की मांग की उत्तर प्रदेश सरकार आबारा गौबंशो का अस्तित्व बचाने के लिए हजारों लाखों रुपए पानी की तरह बहा रही है वहीं कुछ समाजसेवी जनप्रतिनिधि जो सरकार के आदेशों को दरकिनार करते हुए जहां एक ओर सरकार द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली धन राशि का बंदरबांट कर रहे हैं वही दूसरी ओर किसानों को बर्बादी का तोहफा दे रहे हैं परिणाम ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब किसानों का खेतों में फसलें तैयार करना मुश्किल हो गया है जिन किसानों ने अपने अपने खेतों में फसलें तैयार की उन्हें बचाना मुश्किल हो रहा है,
उदाहरण शमसाबाद क्षेत्र के ग्रामीण इलाकों के देखा जा रहा है थाना क्षेत्र के ग्राम रोशनाबाद रामापुर जसू,असगरपुर, सुतहडी, समसपुर ललौर तथा नगला नान एवं अमलैया सहित एक दर्जन गांव में लगभग 2 दर्जन से अधिक अन्ना जानवरों का कहर जारी है यहां किसानों को अपनी अपनी फसलों को बचाना मुश्किल हो रहा है ग्रामीण किसानोंके अनुसार विचरण करने वाले आवारा अन्ना जानवर इतने खूंखार हैं भगाने पर लोगों की जान के दुश्मन बन जाते हैं गांव गली मे भ्रमण करने वाले लोगों तथा उनके बच्चों को भी अन्ना जानवरों से जान का खतरा बना हुआ है,
बताते हैं कई लोग अन्ना जानवरों के हमले के शिकार हो चुके हैं इसके बावजूद भी जिला प्रशासन किसानों की समस्याओं की अनदेखी कर रहा है थाना क्षेत्र के ग्राम रोशनाबाद निवासी संत कुमार के आलू के खेत में अन्ना जानवरों को भ्रमण कर आलू की फसल जिसे देखा गया सुनील कुमार के सरसों के खेत में भी इन्हीं जानवरों को सरसो की फसल जिसे बर्बाद करते हुए देखा गया किसानों का कहना है अन्ना हजारो की लागत से तैयार फसले अन्ना जानवरों के प्रकोप से बर्बाद हो गई क्षेत्र में अन्ना जानवरों के भ्रमण को लेकर गरीब किसानों ने मायूसिया जताते हुए कहा सरकार एक ओर किसानों को खुशहाल देखना चाहती है वहीं दूसरी ओर सरकारी अफसरान सरकार के अरमानों पर पानी फेर गरीब किसानो का गला घोंट रहे हैं जबकि सरकार ने अन्ना जानबरो के लिए ग्रामीण इलाकों में गौशालाओं का जनप्रतिनिधियों तथा अधिकारियों के माध्यम से गौशालाओ का निर्माण कराकर उन्हें शिफ्ट कराने के आदेश दिए है लोगो को अफसोस है सरकार अन्ना जानवरों को गौशाला तक पहुंचाने तथा उन्हें वह रखने के लिए हजारों रुपए का बजट भी दे रही है इसके बाबजुद किसानों को अपनी ही आँखों से फसलो की बर्बादी देखनी पड़ रही है मायूस किसानों का कहना है बास्तविक उनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं सब कागजों में हो रहा है हकीकत बर्बादी किसानों के खेतों में देखी जा रही है यही कारण है किसानों का कृषि क्षेत्र से मोहभंग होता जा रहा है किसानों ने मायूसिया जताते हुए कहा अगर यही आलम रहा तो दिन कृषि कार्य की हकीकत सिर्फ किताबो में होगी फिलहाल किसानों ने जिलाधिकारी फर्रुखाबाद से किसानों की बर्बादी का कारण बने अन्ना जानवरों को पकड़वा कर गौशालाओं में छुडबाये जाने की मांग की

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