
पाकिस्तान में हिंदुओं का कत्ल इस्लाम के खिलाफ:- मुफ्ती कासमी

मुफ्ती शमून कासमी ने कहा कि देश के अल्पसंख्यक संगठनों के हिमायतियों को पाकिस्तान में हो रही अल्पसंख्यकों की हत्या पर भी विरोध दर्शाना चाहिए, क्योंकि भारत के राजनैतिक दल अपने राजनीतिक नफे-नुकसान की वजह से न तो पाकिस्तान और न ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारो पर आवाज नहीं उठाते हैं. जिससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इन प्रताड़ित हिंदू और सिख अल्पसंख्यको पर हो रहे अत्याचारों की आवाज दबकर रह जाती है. इसी वजह से पाकिस्तान बांग्लादेश जैसे देशों पर कूटनीतिक दबाव नहीं पड़ता और इन मुल्कों के हौसले बुलंद हो रहें हैं.
अल्पसंख्यकों के खिलाफ बड़ रहा अत्याचार
साथ ही उन्होंने कहा कि भारत एक ताकतवर और विशाल देश है. दुनियाभर के देश भारत की ताकत का लोहा मानते हैं. दुनिया के सभी देश अंतर्राष्ट्रीय पटल पर भारत के सुझावो को को गंभीरता से लेते हैं, लेकिन उसके बावजूद हिंदुओं और सिखों के ऊपर पाकिस्तान और बांग्लादेश में आए दिन हो रहे कत्लेआम पर इन दोनों देशों की सरकारें कोई ठोस और कठोर कार्रवाई करती हुई नहीं दिखाई देती हैं, जिससे आए दिन कभी ईशनिंदा के नाम पर या कभी जबरन इस्लाम धर्म कबूल करवाने के नाम पर तो कभी हिंदू और सिख बच्चियों से जबरन निकाह करने के नाम पर किए जाने वाले अत्याचारों के खिलाफ पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं करती हैं. इस कारण ही वहां अल्पसंख्यकों के ऊपर अत्याचारों की दास्तान बढ़ती जा रही हैं.
अल्पसंख्यक समुदायों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाता है. यह हमारे भारत देश से सीखना चाहिए. यहां का बहुसंख्यक समाज अल्पसंख्यक समाज को छोटे भाई सरीखा प्यार और इज्जत देता है. हमारे देश में सरकार द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के नागरिक को बराबरी का और कई मायनो में बहुसंख्यक हिंदू समाज के नागरिकों से ज्यादा तरजीह दी जाती है. वहीं, पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिंदुओं और सिखों की हालत जानवरों से भी बदतर है. उनके साथ अमानवीय अत्याचार किया जा रहा है. उनपर हो रहे जुल्मों के खिलाफ आवाज उठना बेहद जरूरी है.