एक दिवसीय तालीमी बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन किया
रिपोर्टर, अब्दुल बारी
अफजलगढ। नगर के उलेमाओ की तन्ज़ीम तहफ्फुज़ शरीअत उलेमा द्वारा एक दिवसीय तालीमी बेदारी कांफ्रेंस का आयोजन नगर के जामा मस्जिद में किया गया जिसमें नगर एवं ग्रामीण क्षेत्रों की हजारों मुस्लिम महिलाओं ने शिरकत की। रविवार को मुस्लिम महिलाओं में मज़हबे इस्लाम की बेदारी पैदा करने के लिए जमा मस्जिद में तालीमी बेदारी कांफ्रेंस की शुरूआत तिलावते कलाम ए पाक से हुई उसके बाद मुफ्ती रियाज़ क़ासमी ने ताज़ीम नबी उनवान से एक नाते पाक पेश की तथा महिलाओ में दीने इस्लाम के प्रति जागरूकता लाने और इस्लाम के तौर-तरीको पर अमल को लेकर हज़रत मौलाना अनसर रामपुरी की तकरीर कॉल कान्फ्रेंस में महिलाओं को खिताब करते हुए कहा कि समाज मैं फैली बुराइयों को दूर करने पर विशेष जोर दिया गया। उन्होनें मौजूद महिलाओ से बच्चों को दीनी और दुनियावी तालीम दिलाने पर जोर दिया उन्होंने कहा की मां की गोद पहली जैसी दर्सगाह है जहां बच्चा सही तरबियत हासिल कर सीधे रास्ते पर चलते बुलंदियों पर पहुंचती है उन्होंने कहा कि क़ुरआन के इल्म से पूरी कायनात को रोशनी मिलती है। मेरठ से तशरीफ लाए मशहूर आलम ए दीन हज़रत मौलाना मुफ्ती खुर्शीद क़ासमी ने खिताब करते हुए कहा कि ईमान की मजबूती से दुनिया और आखिरत में कामयाबी मिलती है उन्होंने हर मुसलमान मर्दो औरतों पर मौत से कब्ल तक हर हाल में नमाज़ को फर्ज बताया उन्होंने कहा कि नमाज तमाम बुराइयों को रोकती है उन्होंने अपने बेटों व बेटियों को शुरुआती तौर पर दीनी तालीम हासिल करने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि आज के दौर में मोबाइल, सोशल मीडिया से समाज में अत्यधिक बुराइयां फैल रही है उन्होंने लड़कियों और महिलाओं को मोबाइल से परहेज करने पर जोर दिया उन्होंने कहा कि आज के दौर मै मोबाइल तमाम बुराइयों की जड़ है जिससे खासकर नवजवान लड़कियों और लड़कों को मोबाइल से दूर रहने की हिदायत दी उन्होने कहा कि महिलाओं के जागरूक होने से समाज की बुराइयां दूर हो सकती है। महिलाओं को पर्दा में रहने का हुक्म हदीस और कुरान में दिया गया है, हर हाल में खुदा के हुक्म को मानना चाहिए। उन्होंने मौजूद महिलाओं को जनसमूह को हिदायत देते हुए कहा कि अल्लाह के हुक्म को मानते हुए बारात घर (मैरिज हाल) में खास तौर से पर्दे का है तमाम रखें आज के दौर में बारात घरों में आमतौर से बेपर्दागी का चलन आम होता जा रहा है जिसे रोकना बहुत जरूरी है
उन्होनें आगे कहा पैगंबरे इस्लाम की ज़िन्दगी, नबी की सुन्नत, कुरान और शरीयत गुनाहो से बचाती है अल्लाह के शरई कानून को पैगंबरे इस्लाम ने हम तक पहुंचाया। उन्होंने पंचगाना नमाज पर हर एक मुसलमान मर्द औरत को पाबन्दी करने पर ज़ोर दिया। तन्ज़ीम ज़िम्मेदार ओलेमाए इकराम मुफ्ती रियाज अहमद कासमी, मौलाना डॉ कलीम अहमद, मौलाना मुख्तार अहमद, मौलाना गुलफाम अहमद, मौलाना खुर्शीद अहमद, मुफ्ती सुहैल अहमद, मुफ्ती नईम अहमद, मुफ्ती महफूज, मौलाना हकीम इस्माइल, मौलाना मौहम्मद मुरसलीन आदि उलमाऐ इकराम ने कॉन्फ्रेंस को कामयाब बनाने के लिए दिन रात मेहनत की जिसके नतीजा नगर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों से इस कॉन्फ्रेंस में हज़ारों महिलाओं ने भाग लिया