अल्मोडा में राष्ट्रीय राजमार्ग एन.एच. 87 सडक मार्ग को बाईपास बनाने की मांग 

 अल्मोडा में राष्ट्रीय राजमार्ग एन.एच. 87 सडक मार्ग को बाईपास बनाने की मांग

रिपोर्ट, न्यूज़ इण्डिया टुडे

अल्मोड़ा। पूर्व उपाध्यक्ष एन.आर.एच.एम बिट्टू कर्नाटक ने जिलाधिकारी,अल्मोडा के माध्यम से माननीय श्री नितिन गडकरी जी केन्द्रीय सड़क परिवहन,राजमार्ग व जहाजरानी मंत्री,भारत सरकार को एक ज्ञापन प्रेषित कर उनके संज्ञान में लाया गया कि उत्तराखण्ड राज्य के कुमांऊ क्षेत्र के प्राचीन ऐतिहासिक नगर अल्मोडा में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 109(पूर्व एन.एच.संख्या-87) के अन्तर्गत क्वारब-अल्मोडा-कोसी का चौडीकरण प्रस्तावित है । श्री कर्नाटक ने ज्ञापन के माध्यम से अवगत कराया कि अल्मोडा लोअर माल रोड बाईपास बनने एवं राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के पूर्व से ही सडक के किनारे लोधिया से कोसी तक काफी भवन निर्मित हो गये थे । अब राष्ट्रीय राजमार्ग को डबल लेन किये जाने से इन पूर्व निर्मित भवनों के टूटने की आशंका से भवन स्वामी भयभीत हैं । जबकि इस बाईपास को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किये जाने का कोई औचित्य नहीं था । उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड के पर्वतीय जनपदों में लगातार पलायन हो रहा है । यदि लोधिया-अल्मोडा लोअर माल रोड-कोसी मोटर मार्ग का चौडीकरण किया जाता है तो सैकडों लोगों को बेघर व व्यवसाय विहीन होना पडेगा,इससे अनचाहे रूप से पलायन बढेगा ।
श्री कर्नाटक ने स्थानीय नागरिकों के सुझाव को देखते हुये कहा कि वर्तमान समय में क्वारब-कोसी मोटर मार्ग जो चौंसली से कोसी तक निर्मित है को राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 109 का बाईपास घोषित करते हुये डबल लेन में परिवर्तित किये जाने से इस समस्या का निराकरण किया जा सकता है । क्योंकि इस मोटर मार्ग के दोनों ओर की भूमि पूर्णरूप से खाली है । उन्हेांने यह भी अवगत कराया कि इस सम्बन्ध में राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लि.मंत्रालय के प्रतिनिधियों व सलाहकारों ने भी पूर्व में इसका निरीक्षण किया है जिसे इन अधिकारियों द्वारा राष्ट्रीय राजमार्ग के बाईपास हेतु उचित पाया गया । श्री कर्नाटक ने मांग की कि उपरोक्त परिपेक्ष्य में लोधिया-अल्मोडा लोअर माल रोड-कोसी से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के स्थान पर चौंसली-कोसी मोटर मार्ग को राष्ट्रीय राजमार्ग का बाईपास बनाये जाने हेतु सम्बन्धितों को तत्काल आदेश निर्गत किया जाय । ताकि सडक निर्माण से पूर्व में निर्मित भवनों तथा आम नागरिकों के व्यवसाय को बचाया जा सके ।

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