बच्चों पर मोबाइल का और उनके स्वास्थ्य पर पड़ता बुरा प्रभाव
शमीम अहमद
बिजनौर। माता-पिता की भूमिका बच्चों के स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण योगदान रखती है। आजकल, तकनीकी सुधारों ने बच्चों के साथ संवाद को नए स्तर पर पहुंचाया है, लेकिन कभी-कभी इसका उपयोग अत्यधिक हो जाता है, जिससे बच्चों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव होता है।
आजकल मां-बाप छोटे बच्चों को मोबाइल देने का रुझान बढ़ा रहे हैं, जिसका परिणाम स्वास्थ्य पर हो रहे बुरे प्रभावों को नजरअंदाज करना मुश्किल हो रहा है। बच्चों को घंटों तक मोबाइल देखने की आदत से उनकी शारीरिक गतिविधियों में कमी आती है, जो उनके बढ़ते उम्र में सहारा बनती है।
लगातार मोबाइल देखने से बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रभाव हो सकते हैं। इसका पहला प्रभाव उनकी आंखों पर होता है, जिससे चश्मा लगने की संभावना बढ़ सकती है। दूसरे, बच्चे घंटों तक बैठकर मोबाइल देखने से उनकी शारीरिक गतिविधियों में कमी आती है, जिससे ओबेसिटी और स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। तीसरे, इससे मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ सकता है, जैसे कि अनुपयुक्त समय का प्रबंधन और सोशल इंटरैक्शन की कमी।
इसलिए, माता-पिता को ध्यान देना चाहिए कि बच्चों की स्क्रीन टाइम को सीमित रखें क्योंकि यह उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
माता-पिता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बच्चों की स्क्रीन टाइम को सीमित रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि उनकी आंखों को आराम मिले और उनका स्वास्थ्य बना रहे।
साथ ही, बच्चों को खेलने और शारीरिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित करना जरूरी है। इससे उनकी मानसिक और शारीरिक विकास में सुधार होगी और वे सही तरीके से बढ़ सकेंगे। माता-पिता को बच्चों को पारिवारिक गतिविधियों में शामिल करने के लिए प्रेरित करना चाहिए जिससे उनका समय सही रूप से बिता जाए।
इसके अलावा, मां-बाप को बच्चों के साथ नियमित संवाद को बढ़ावा देना चाहिए। वे उन्हें तकनीकी उपकरणों और समय का सही तरीके से उपयोग करना सिखाएं।
बच्चों के स्वास्थ्य पर माता-पिता का प्रभाव प्रमुख है। वे अपने बच्चों को सही दिशा में प्रेरित करने के लिए सकारात्मक रूप से योगदान कर सकते हैं और सही दिशा में तकनीकी उपयोग को निर्देशित कर सकते हैं।