आर्यवीर महासम्मेलन के दूसरे ब्रह्मचारिणियो के साथ वैदिक मंत्रों के द्वारा देवयज्ञ किया

 आर्यवीर महासम्मेलन के दूसरे ब्रह्मचारिणियो के साथ वैदिक मंत्रों के द्वारा देवयज्ञ किया

रिपोर्ट, अनिल सक्सेना मुरादाबाद

मुरादाबाद। आर्य वीर दल की शाखा से हुआ जिस का संचालन आचार्य हरि सिंह जी ने किया गुरुकुल की आर्यवीरांगनाओ और आर्यवीरो को विशेष शारीरिक योगाभ्यास कराया. तत्पश्चात डॉक्टर पवित्रा विद्यालंकार संचालिका कन्या गुरुकुल सासनी हाथरस ने अपने ब्रह्मतत्व में अपनी ब्रह्मचारिणियो के साथ वैदिक मंत्रों के द्वारा देवयज्ञ किया.
इसके उपरांत आर्य समाज के नियम और संगठन सम्मेलन का आयोजित हुआ जो गुरुकुल वृंदावन के संचालक सुदेश जी महाराज की अध्यक्षता में हुआ.जिसके मुख्य अतिथि स्वामी रामदेव जी रहे और कार्यक्रम का संचालन योगेश भारद्वाज कुरुक्षेत्र ने किया इस अवसर पर योगेश भारद्वाज जी ने कहा समाज के नियम और उद्देश्य मानवता की रक्षा और उसके विकास के लिए इस विश्व की धरा पर सर्वोपरि हैं. महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज के 10 नियम मात्र केवल आर्य समाज के लिए ही नहीं बनाए अपितु समस्त पृथ्वी के जीवो के कल्याण के लिए नियम बनाएं
जो सबको मानने योग्य हैं .इस अवसर पर आचार्य सुदेश जी महाराज ने महर्षि दयानंद के प्रति आस्था श्रद्धा व्यक्त करते हुए इस दुनिया के लिए सर्वश्रेष्ठ ज्ञानी समाज सुधारक बताते हुए महर्षि दयानंद के मार्ग पर चलने का आव्हान किया
*महर्षि दयानंद की विश्व को देन सम्मेलन* आयोजित किया गया जिसमें मुख्य अतिथि माननीय योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार रहे विशिष्ट अतिथि के रुप में स्वामी रामदेव जी, सांसद सत्यपाल सिंह, विनय कुमार लोहिया स्वामी चेतन देव, महाशय राजीव गुलाटी चेयरमैन एमडीएच बागपत सांसद टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन, मेयर विनोद अग्रवाल, विनोद खन्ना मनोज अहूजा, गोपाल मेहता ,ओम प्रकाश आर्य बस्ती, गुलाब देवी ,डॉक्टर शेफाली सिंह रितेश गुप्ता जयपाल सिंह व्यस्त हरि सिंह ढिल्लों मंच पर मंचासीन रहे .इस अवसर पर स्वामी रामदेव जी ने बताया कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने आर्य समाज की स्थापना और कार्य मात्र अपने लिए नहीं किए अपितु जो पुरातन ऋषि मुनियों की संस्कृति थी गौतम, कणाद,जैमिनी और पतंजलि आदि ऋषि यों की संस्कृति को आगे बढ़ाने का कार्य किया. रामदेव जी ने आर्य वीरों को और जनता को आवाहन करते हुए कहा कि समाज में नशा बहुत ही गंभीर स्थिति में है और समाज को भयानक नशे की ओर आकर्षित कर रहा है हम सबका आर्य समाज का दायित्व है कि हम इस भयानक बीमारी को पूरे देश से हटाकर ऋषि मुनियों की भूमि को नशे से और ड्रग्स से मुक्त कराएं .उन्होंने इस अवसर पर दलितों और पिछड़ों को बांटने की आलोचना की और कहा कि भारत भूमि समानता का अधिकार देती है वेद में कहीं भी ऐसा मान्यता नहीं है इसलिए वेद में कोई दलित या कोई उच्च वर्ग का स्थान नहीं है महर्षि दयानंद सरस्वती ने बिना भी किसी भेदभाव के वेदा अनुकूल नियम बनाए और सब प्रकार की विषमताओं को नष्ट किया. मैने महर्षि दयानंद का सत्य प्रकाश पढ़ने के बाद रामदेव जी ने कहा कि मैं गुरुकुल की ओर अग्रसर हुआ विश्व में यदि गुरुकुल की व्यवस्था को संरक्षित कोई संस्था कर रही है, कोई पल्लवित कर रही है तो वह केवल आर्य समाज है .आर्य समाज मानवता के लिए इस धरती पर एक संस्था है जिसकी स्थापना महर्षि दयानंद ने की .आगे स्वामी रामदेव जी ने कहा कि विश्व में सबसे श्रेष्ठ गुरुकुल चोटीपुरा है जो भारत के उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद में है .उसकी बेटियां आज विश्व में भारत का नाम और भारत की संस्कृति को जागृत कर रही है .आर्य समाज के लिए निर्माण कार्य करने और इस समाज का निर्माण करने का कार्य सबसे अधिक गुरुकुल का है .
*सत्यार्थ प्रकाश इस सृष्टि के ज्ञान का सूर्य है* विशिष्ट अतिथि के रूप में बागपत सांसद सतपाल सिंह ने कहा कि महर्षि दयानंद ने बड़े परिश्रम अध्ययन और गुरुकुल प्रणाली की व्यवस्था को अंतस्थ करते हुए गुरु विरजानंद से दीक्षा ली और गुरु विरजानंद के आज्ञा का पालन करते हुए उन्होंने भारत को श्रेष्ठ ऋषि मुनियों का भारत बनाने का प्रयास किया उन्होंने बाह्य आडंबरो, अंधविश्वासों विधवा विवाह, अनाथालय आदि की रक्षा की और स्त्रियों को वेद ज्ञान पढ़ने का अधिकार दिया. इस अवसर पर सत्यपाल जी ने कहा कि पंडित मदन मोहन मालवीय ने अपने अंतिम समय में देश की जनता से आव्हान करते हुए कहा था कि मेरे जाने के बाद आपका केवल सत्यप्रकाश ही मार्गदर्शन कर सकेगा इस देश का सूर्य है. सत्यार्थ प्रकाश इस देश को विश्व गुरु बनाने का कार्य केवल आर्य समाज ही कर सकता है तो हम सब आर्य समाज की मान्यताओं को मानते हुए और सत्यार्थ प्रकाश को अपने घर में रखें.
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और महासम्मेलन के मुख्य अतिथि माननीय योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि आर्य समाज का हर व्यक्ति एक एक संस्था है वह राष्ट्र को जगाने का कार्य कर रहा है और आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद ने आर्य समाज की स्थापना इसी आशय से की थी मान्य मुख्यमंत्री जी ने आगे कहा कि हम भी प्रतिबद्ध हैं कि ऋषि के सपनों का भारत बनाने मे योग्य बने और माननीय मोदी जी इस लक्ष्य को बनाने में अग्रसर है.मैकाले ने जिस शिक्षा पद्धति को बदलने के लिए भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए अपनी शिक्षा प्रणाली लागू की उससे हमारे देश को बहुत हानि हुई है.
देश में शुद्धि आंदोलन के जनक स्वामी श्रद्धानंद ने बहुत श्रेष्ठ कार्य किए थे शुद्धि विरोधियों ने उनकी निर्मम हत्या की. महात्मा नारायण स्वामी ने आर्य धर्म को बचाने के लिए आर्य वीर दल की इसी आशय से की स्थापना की ताकि आर्य नेताओं की हत्या ना हो, उनकी रक्षा हो .आर्य समाज में हर व्यक्ति आदेशों का पालन करता है और विश्वास करता है आर्य समाज में व्यक्तिवाद नहीं है आर्य समाज में चरित्र की रक्षा होती है आर्य समाज राम और कृष्ण के चरित्र के रक्षार्थ आने कार्य करता है आर्य समाज एक नए भारत को उभारने का श्रेष्ठ कार्य करता है. आर्य समाज सभी को एक समान देखता है .जम्मू कश्मीर से धारा 370 समाप्त की. मान्य ने योगी जी ने स्वामी रामदेव जी की प्रशंसा करते हुए कहा कि कि रामदेव जी इस विश्व को रोग मुक्त बनाना चाहते हैं और मोदी जी ने रामदेव जी के इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिए विश्व योग दिवस मनवाकर पूरी दुनिया को भारत की संस्कृति का शंखनाद कराया .हम शिक्षा से हमारी मातृभूमि की रक्षा होती है हमारी भाषा संस्कृत एवं हिंदी होगी .यही राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक हिस्सा है .सभी पाठ्यक्रम सभी विद्यालयों में पढ़ने मिलेंगे .यह महर्षि दयानंद की अनुभूति कराने का एक लक्ष्य है.इन्हीं स्कूलों में महर्षि दयानंद समाज निर्भरता से कार्य करें.
इस अवसर पर ज्ञानेन्द्र गांधी जी माननीय मुख्यमंत्री, योगगुरु स्वामी रामदेव जी ,सांसद सत्यपाल सिंह, राजीव गुलाटी आदि समस्त अथितियो का स्वागत और अभिनंदन व्यक्त किया
संचालन आचार्य पंकज आर्य ने किया.
आयोजन मे नगर विद्मायक रितेश गुप्ता, मेयर विनोद अग्रवाल, जयपाल सिंह व्यस्त,रमेश आर्य,लोकेशजसवंत सिंह, हिमाशु कौशिक,राजपाल सिंह, जे पी सिंह,नीरज सौलंकी, आर्य,अजबसिंह, जितेंद्र आर्य, हिमांशु आर्य,उमेश आर्य,मथुरा प्रसाद, नैपाल सिंह पाल,अनुपेंद्र सिह, दीक्षांत चौधरी,लालकिशौर शास्त्री,कमलेश गोयल आशा जैमिनी,रमाशंकर यशपाल आर्य,पूनम चौहान सविता चौधरी,लक्ष्मी यादव, विनोद कुमार गुप्ता, पूनम रस्तौगी,ऋषिपाल यादव,यशपाल सिंह,देवेन्द्र सिंह,राकेश आर्य,ओमेन्द्र आर्य,मनोज आर्य,राममुनि,महावीर सिंह,हरनामसिंह, सुनील आर्य,विजयनंदन,ऊषा गुप्ता,रितु विश्नोई,दिनेश कुमार अनिल सिक्का,रामगोपाल आर्य,प्रदीप कुमार बिजेंद्र सिंह,मनु चौधरी,नरेश याव आदि रहे.

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