प्रदूषण एक समस्या नहीं बल्कि एक त्रास्दी का रूप धारण करती जा रही है: जिलाधिकारी

प्रदूषण एक समस्या नहीं बल्कि एक त्रास्दी का रूप धारण करती जा रही है: जिलाधिकारी

शमीम अहमद

बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी को निर्देश दिए कि जिला पंचायत राज विभाग के साथ समन्वय स्थापित करते हुए गंगा बैराज किनारे बसे सभी ग्रामों में जीव विविधता रजिस्टर बनवाना सुनिश्चित करें तथा जिले की सभी नदियों के किनारे बांस, बबूल, खस घास आदि बाढ़ प्रतिरोधी प्रजातियों की पौध का रोपण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि गंगा तटीय स्थित ग्रामों को पूर्ण रूप से प्रदूषण मुक्त करने, वाटर ट्रीटमेन्ट करने, जैविक खेती को बढ़ावा देने, नक़द आय प्राप्त करने के लिए औषधि की खेती के साथ कृषि व्यवसायीकरण के लिए स्थानीय लोगों को प्रेरित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन करना सुनिश्चित करें, जिससे इन गांवों को अर्थ गंगा कार्यक्रम के अंतर्गत आदर्श ग्रामों में विकसित कर इस योजना का औचित्य सिद्व किया जा सके। उन्होंने जिले में प्रदूषण उन्मूलन कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालित करने तथा कार्यक्रम की गुणवत्ता को परखने एवं जांच ने के लिए डिप्टी कलेक्टर/जिला सूचना अधिकारी को नामित करते हुए उन्हें निर्देश दिए कि जिले को प्रदूषण मुक्त करने के लिए किए जाने वाले कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग करें और जिस स्तर पर कोई कमी नजर आए उसे विभागीय अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर उसे दूर कराना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी आज दोपहर 12ः00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जिला गंगा समिति तथा जिला पर्यावरण समिति की मासिक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपस्थित अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि प्रदूषण एक समस्या नहीं बल्कि एक त्रास्दी का रूप धारण करती जा रही है, यदि समय रहते पर्यावरण सुरक्षा के लिए उचित उपाय नहीं किए गए तो जीव-जंतु ही नहीं अपितु धरती का अस्तित्व ही संकट में पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि हमें शासकीय प्रयासों के साथ-साथ जन सहयोग की भावना के साथ भी इस क्षेत्र में गंभीरतापूर्वक प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि देश में नमामि गंगे, अर्थ गंगे जैसे कार्यक्रमों द्वारा पर्यावरण की न केवल सुरक्षा की जा सकती है, बल्कि वातावरण को प्रदूषण मुक्त भी बनाया जा सकता है।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा ने जिले को कूड़ा एवं प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए नगर निकाय एवं पंचायत विभाग के अधिकारियां को निर्देश दिए कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी सॉलिड वैस्ट को चिन्हित स्थानों पर ही जमा करें और सडक के किनारे हरगिज गंदगी न फेंके। उन्होंने सभी अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी अवस्था में कूड़ा न जलाया जाए, कूड़ा जलाना अपराध की श्रेणी में शामिल है, जिससे वातावरण में बहुत ज्यादा प्रदूषण पैदा होता है। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई की व्यवस्था और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए माह में विशेष सफाई सप्ताह का आयोजन कराएं।
उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में वृक्षारोपण के लिए शासन द्वारा पौधारोपण का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है, जिसके अंतर्गत जिले में 75 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया जाएगा। उन्होंने सभी संबधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि विभागीय लक्ष्यों को शत प्रतिशत रूप से पूरा करने के लिए कार्य योजना बनाए और जिन स्थानों पर पौधे रोपित किए जाएंगे उनका पूर्व में ही चिन्हिकरण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्थान का चिन्हिकरण करने के पश्चात पौध संख्या के लक्ष्य के सापेक्ष पौध रोपित करने के लिए गढडे खुदवाएं और सुनिश्चित करें कि सभी पौधे जीवित रहें ताकि उनका औचित्य सिद्व हो सके। उन्होंने कहा कि यदि आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य देना है तो अपने आसपास की खाली जगह को पेड़ों से भरना होगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे वृक्षारोपण के संबंध में कार्ययोजना पूर्व में ही बनाना सुनिश्चित करें। उन्होंने डीएफओ को निर्देशित करते हुए कहा कि नर्सरी का सत्यापन भी जल्द से जल्द करवा लेना सुनिश्चित करें ताकि समय पर लक्ष्य के सापेक्ष पौध उपलब्ध हो सके।

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