एक लाख करोड़ रुपये की शत्रु संपत्तियों को बेचने जा रही है भारत सरकार

एक लाख करोड़ रुपये की शत्रु संपत्तियों को बेचने जा रही है भारत सरकार

 

पाकिस्तान और चीन की नागरिकता लेने वालों लोगों ने जो अचल संपत्तियां छोड़ी हैं उन्हें बेचने की प्रक्रिया गृह मंत्रालय ने शुरू कर दी है.

नई दिल्ली। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक कुल 12 हजार 611 शत्रु संपत्तियां हैं, जिनकी कीमत करीब एक लाख करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है.

इस तरह की संपत्तियों की देखरेख कस्टोडियन ऑफ एनमी प्रॉपर्टी ऑफ इंडिया करती है. यह शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत बनाई गई एक अथॉरिटी है.

गृह मंत्रालय की एक अधिसूचना के अनुसार इस तरह की संपत्तियों को निपटाने के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव किया गया, जिसके तहत संपत्तियों की बिक्री से पहले संबंधित जिला मजिस्ट्रेट या उपायुक्त की मदद से उन्हें खाली करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी.

नोटिफिकेशन में कहा गया है कि एक करोड़ रुपये से कम कीमत की संपत्ति को बेचते समय सबसे उसकी जिम्मेदार संभाल रहे व्यक्ति को खरीदने का ऑफर दिया जाएगा. अगर वह व्यक्ति उस संपत्ति को खरीदने से मना करता है तो कानून के मुताबिक उसे बेचा जाएगा.

वहीं जिन संपत्तियों की कीमत एक करोड़ से सौ करोड़ के बीच है उन्हें ई-नीलामी के जरिए बेचा जाएगा.

*शत्रु संपत्ति क्या है?*
भारत ने 1962 में चीन, 1965 और 1971 में पाकिस्तान से लड़ाई छिड़ने पर भारत सुरक्षा अधिनियम के तहत इन देशों के नागरिकों की जायदाद पर क़ब्ज़ा कर लिया था.

इसके तहत ज़मीन, मकान, सोना, गहने, कंपनियों के शेयर और दुश्मन देश के नागरिकों की किसी भी दूसरी संपत्ति को अधिकार में लिया जा सकता है.

शत्रु संपत्ति अधिनियम के तहत शत्रु देश के नागरिकों को इन जायदादों के रखरखाव के लिए कुछ अधिकार भी दिए गए हैं. पर ये अस्पष्ट हैं, काफ़ी उलझे हुए हैं. इनसे जुड़े कई मामलों में अदालत में मुकदमे चल रहे हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!
%d bloggers like this: