
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा सीवरेज ट्रीमेन्ट प्लाण्ट के औचक निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं एवं सफाई व्यवस्था मानक के अनुरूप न पाए जाने पर नाराजगी वयक्त की
रिपोर्ट, शमीम अहमद
बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने ग्राम खेड़की स्थित सीवरेज ट्रीमेन्ट प्लाण्ट के औचक निरीक्षण के दौरान भारी अनियमितताएं पाए जाने पर नाराजगी वयक्त करते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद बिजनौर को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था के इंचार्ज का स्पष्टीकरण तलब करें और उनके द्वारा सम्पादित किए जा रहे कार्यों की बिन्दुवार जांच करें। उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा कि यदि जांच के दौरान कार्यां में अनियमितताएं पाए जाने और गुणवत्ता के अनुरूप कार्य न किया जाना प्रकाश में आने पर कार्यदायी संस्था को ब्लैक लिस्ट करने और कर्मचारियों के विरूद्व नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा आज दोपहर 12ः00 बजे ग्राम खेड़की स्थित सीवरेज ट्रीमेन्ट प्लाण्ट के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान संबंधित अधिकारी को निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने सीवरेज प्लांक का मुआयना करते हुए पाया कि सीवरेज ट्रीमेन्ट प्लाण्ट को संचालित नामित संस्था मैसर्स व टेक वेबग लिमिटेड द्वारा शहर से आने वाले गंदे पानी की कीचड़ का निकाला जा रहा है और उससे सॉलिट वेस्ट को समयबद्वता एंव मानक के अनुरूप अगल किया जा रहा है, जिसके कारण ट्रीटमेंट प्लांट में पानी गंदा जमा हो रहा है। इसके अलावा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में गंदे पानी के अलावा उस पर सिल्ट जमी हुई पाई गई, जिसको काफी दिनों से साफ नहीं किया गया तथा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में क्लोरीन भी नहीं पाई गई। निरीक्षण के दौरान यह भी प्रकाश में आया कि गंगा में जाने वाले ट्रीटमेंट वाटर भी मानक के अनुरूप शुद्व नहीं है, जो गंगा के पानी को दूषित कर सकता है।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा द्वारा कार्यदायी संस्था के प्रबंधक जयदीप सिंह से सफाई व्यवस्था के रोस्टर के बारे में जानकारी करने पर उनके द्वारा संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया और प्लांट में गंदे पानी की सिल्ट सफाई और सॉलेड वेस्ट पाया गया। उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका बिजनौर को निर्देश दिए कि कार्यदायी संस्था के इंचार्ज का स्पष्टीकरण तलब करते हुए उनके कार्यों की बिन्दुवार जांच करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि संस्था द्वारा प्लांट के उद्देश्य को पूरा नहीं किया जा रहा है, जो इस बात का घोतक है कि संस्था कार्य के प्रति संवेदनशील और गंभीर नहीं है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि जांच में संस्था के कार्य संतोषजनक नहीं पाए जाते तो उसे ब्लेकलिस्ट कर उसके विरूद्व कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।