
आखिर कब मिलेगा पत्रकारों को सम्मान, देश के चौथे स्तंभ के बारे में आखिर क्यों नहीं सोच रही है सरकार
विशेष संवाददाता शेख कासिम मलिक
बिजनौर l चौथे स्तंभ कहा जाने वाला पत्रकारिता क्षेत्र का पिलर जोखिम भरा हुआ है l अन्य 3 पिलर में इतना जोखिम नहीं है यह सेफ्लाइफ वाले क्षेत्र हैं l एक पत्रकार की अपेक्षा इनमें सम्मान और आर्थिक दृढ़ता का स्तर बहुत ऊपर है l लेकिन हमारा पिलर जिससे लोग तमाम आकांक्षाएं जोड़े रखते हैं l उनके लिए कोई सुख, सुविधा, सुरक्षा और परिवार के पालन पोषण का कोई स्तर नहीं है l इनके तो आए दिन मर्डर के समाचार सामने आते रहते हैं फिर भी अपनी जान हथेली पर रखकर रात दिन समाज की आवाज उठाने सच्चाई को उजागर करने में अपने कर्तव्य का पालन करते हुए रात दिन लगे रहते हैं l हम ही अन्याय के खिलाफ लड़े, सत्ता धारियों सवाल पूछे, गुंडे अपराधियों का काला चिट्ठा खोलें, रात और दिन को एक करके लोकतंत्र बचाने के लिए अपनी कलम को सही धार देते हैं | इतना कुछ करने के बाद भी एक पत्रकार साथियों को समाज में सम्मान और सही अस्थान ना मिले तो अफसोस होता है l ऑल इंडिया मीडिया क्लब के चेयरमैन डॉ. एम.क्यू. मलिक व मध्य प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष इरफान हैदर ने सवाल उठाए हैं कि चौथे स्तंभ अर्थात पत्रकारों की सुध बुध लेने वाला कौन है l कभी इनके बारे में भी सोच कर देखिए की चौथा पिलर का महत्व कितना मजबूत है और उसके कार्यकर्ता यानी पत्रकार साथी का महत्व कमजोर हैं l