किसान की कौन सुनेगा, गन्ने का दाम जस का तस है
रिपोर्ट, न्यूज़ इण्डिया टुडे ब्यूरो
बिजनौर/शामली। प्राप्त समाचार के अनुसार चीनी मिलों का पेराई सत्र शुरू हो चुका है , गन्ने का दाम जस का तस है, अकेले जिला बिजनौर में करोड़ों रूपये किसानों के चीनी मिलों पर बकाया हैं , जबकी उत्तर प्रदेश में सरकार के आदेश हैं कि 14 दिन के अंदर किसान को गन्ने का भुगतान कर दिया जाये लेकिन आज तक किसी तरह कोई अमल चीनी मिलें नही कर पायी , कोर्ट के भुगतान सम्बंधित आदेश तक को चीनी मिलों ने ताक पर रख दिया , लेकिन यदि किसान पर किसी तरह को कोई बकाया हो तो तुरंत सरकारी तंत्र उसकी रिकवरी कर जेल में डालने की तैयारी कर देता है । किसान द्वारा लिये गये ऋण या बिजली बिल जो किसान चुका नही पाता तो उस पर ब्याज पर ब्याज चढ़ना शुरु हो जाता है ,
लेकिन किसान के बकाया भुगतान पर ब्याज की तो दूर की बात है समय पर भुगतान भी नही हो रहा !
पराली जलाने पर किसान के खेत को देखने वाले सैटेलाइट को हजारों हेक्टेयर धान बेमौसम बरसात के कारण खत्म हो चुका वह नही दिखा । लाखों पशु लंपी बिमारी के कारण काल के गाल में समा गये लेकिन किसी तरह की किसान को सहायता की बात तक किसी सत्ताधारी के मुंह से नही सुनी गयी , बात चल रही किसानो के चौधरी बन ने की !
कोई भी राजनीतिक दल सत्ता को अपनी बपौती न समझे , ये देश कृषि प्रधान देश है किसान इस देश की रीढ़ है , अकेले उद्योगपतियों को प्राथमिकता देने से सरकारें नही चला करती