अपना क्लब धामपुर द्वारा सुरों के सम्राट मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी

अपना क्लब धामपुर द्वारा सुरों के सम्राट मोहम्मद रफी को श्रद्धांजलि दी

रिपोर्ट, रविनाथ
धामपुर। अपना क्लब धामपुर* द्वारा पाई अकैडमी के प्रांगण में मोहम्मद रफी जी को श्रद्धांजलि दी, इस अवसर पर नगर चेयरमैन राजू गुप्ता नवनीत सिसोदिया विक्रम राणा अवनीश कुमार चौहान, सोनू माइकल खान शरद राजवंशी, डॉ भारती चौहान दिनेश चंद नवीन आदि ने रफी जी के चित्र पर माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी इस अवसर पर रफी द्वारा गाए गए गीतों से श्रद्धांजलि दी सबसे पहले अनुज कौशिक जी द्वारा गाए गए गीत
बड़ी दूर से आए हैं प्यार का तोहफा लाए हैं सभी को ताली बजाने पर मजबूर किया इसके बाद अनूप कुमार द्वारा ओ शंकर मेरे कब होंगे दर्शन तेरे. …….के बाद आकाश शर्मा अक्स द्वारा गाए गए गीत , ये पल यहां जी भर जियो जो है यहां कल हो ना हो ……
मनु विश्वास द्वारा गुलाबी आंखें जो तेरी देखी शराबी यह दिल हो गया……..
तनु महिवाल चुरा लिया है तुमने जो दिल को कहीं नजर………..
आर्थव जुनेजा गुलाबी आंखें जो तेरी देखी शराबी यह दिल हो गया….. राघव शर्मा राघव शर्मा द्वारा गाया गया ओ मेरी महबूबा तुझे जाना है तो जा………..
कुमकुम द्वारा गाया गया गीत बदन पे सितारे लपेटे हुए ओ जाने तमन्ना किधर जा रही है………..आदि के गाए गए गीतों पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर किया संस्था के संस्थापक विक्रम राणा मोहम्मद रफी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया मोहम्मद रफी पंजाब के कोटला गांव सुल्तानपुर के रहने वाले थे अपने 7भाइयों मे वो पांचवें नंबर पर थे उन्होंने 13 साल की उम्र में गाना शुरू किया था उनके द्वारा पहला गीत फिल्म गांव की छोरी गाया था और रफी जी का आखरी गीत 1981 में आई फिल्म आसपास मे तू कहीं आस पास है गाया।
उसके बाद संस्था के संस्थापक दिनेश चंद नवीन ने बताया की मो रफी जी के भाई हामिद जो नाई का ही काम दुकान पर किया करते थे हामिद उनके बड़े भाई जीन्हे लगा कि रफी को संगीत से शौक है उन्होंने उसे संगीत में शिक्षा ग्रहण की कार्य किया 1 दिन लाहौर में के एल सहगल जी का प्रोग्राम था इत्तेफाक से सिंगल जी की तबीयत खराब हो गई तो हामिद जी ने मोहम्मद रफी जी को स्टेज पर उतार दिया उस दिन लाहौर वालों को भी झूमने पर मजबूर कर दिया कुछ देर बाद कुछ देर बाद जब केएन सहगल जी ने मोहम्मद रफी की आवाज सुनी तो उन्होंने मो रफी के भाई बड़े भाई हामीद से कहा कि इसे मुंबई लेकर आओ और वही से मोहम्मद रफी जी की संगीत की शुरुआत हो गई हो गई चेयरमैन राजू गुप्ता जी ने बताया कि मोहम्मद रफी एक बहुत ही दयालु इंसान थे वह आज भी हमारे बीच सुरों के द्वारा जिंदा है उनकी श्रद्धांजलि के लिए गाया गया गीत चले जाएंगे हम मुसाफिर हैं सारे तुझे इतनी जल्दी क्यों खुदा ने बुलाया मोहम्मद रफी तू बहुत याद आया.
कार्यक्रम का संचालन पवन संगम द्वारा बीच-बीच में पवन संगम द्वारा रफी जी के गीत भी पवन संगम द्वारा गुनगुनाए गए जिसे दर्शकों ने बहुत सराहा अंत में
*अपना क्लब धामपुर* संस्था के अध्यक्ष अवनीश कुमार ने सभी का आभार व्यक्त किया इस अवसर पर विक्रम राणा डालचंद चौहान,
सोनू माइकल खान, नदीम खान, राजेंद्र काके, पाई एकेडमी के डायरेक्टर नवनीत सिसोदिया, दिनेश चंद्र नवीन, डॉ भारती चौहान, आदिल सुल्तानी, नवनीत शर्मा, आदि का सहयोग रहा आदि

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