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यूपी के बिजनौर में पांच वर्ष बाद कैमरे में कैद हुआ लकड़बग्घा,
ब्यूरो रिपोर्ट
बिजनौर! वन्य जीवों के लिए अलग पहचान बन चुके बिजनौर में एक और चौंका देने वाली खबर है। अमानगढ़ में गणना तो बाघ की हो रही थी। जब ट्रैप कैमरे चेक किए गए तो लकड़बग्घा भी चहलकदमी करता दिखाई दिया। यह पहला मौका है जब बिजनौर जिले में लकड़बग्घे का फोटो सामने आया है। इससे पहले उसके पगचिह्न के आधार पर होने की संभावनाएं तो जताई जा रही थी, लेकिन उसकी रिपोर्ट अधिकारिक तौर पर नहीं थी। बिजनौर जिला यूं तो आज के समय में गुलदार को लेकर खूब चर्चाओं में है। पिछले सवा साल में 56 गुलदार मिले। इनमें से कुछ की दुर्घटना में मौत हुई या फिर पिंजरे में कैद हो गए। 22 लोगों की जान भी गुलदार के हमलों में गई। वहीं दूसरी ओर बात करें यहां जैव विविधता की तो एक अच्छी खबर अमानगढ़ से आई है। दिसंबर माह में अमानगढ़ में बाघ गणना शुरू हुई। 45 ट्रैप कैमरों के जरिए 45 दिन तक वन्य जीवों की तस्वीरें ली गई। अब इनकी जांच हुई तो वन अधिकारी भी लकड़बग्घे का फोटो देख चौंक गए। जिले की बात करें तो वन्य जीव गणना में अभी तक अधिकारिक तौर पर लकड़बग्घे शामिल नहीं हैं। यह पहला मौका है जब जीवित लकड़बग्घे की फोटो सामने आई है। पुराने रिकॉर्ड पर नजर डालें तो 2019 में पहली बार अफजलगढ़ क्षेत्र में हाईवे पर एक दुर्घटना में दो लकड़बग्घे के शव मिले थे। यह पहली बार था, जब जिले में लकड़बग्घे होने के सबूत मिले थे। उसके बाद अब पहली बार बाघ गणना में लकड़बग्घा का फोटो सामने आया है।