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शेर अली की सकुशल वतन वापसी,सऊदी अरब से लौटे शेरअली ने बयां किया दर्द, परिजनों की भर आईं आंखें, पीएम मोदी का जताया आभार
ब्यूरो रिपोर्ट
धामपुर! सऊदी अरब में छह साल से फंसे बिजनौर के धामपुर निवासी शेर अली की सकुशल वतन वापसी हो गई है। वीडियो वायरल होने के बाद भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद सऊदी सरकार ने उसके पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज लौटाकर भारत के लिए रवाना किया। उधर, परिवार में जश्न का माहौल है। शेर अली के घर लौटने पर लोगों ने उनकी कुशलक्षेम जानी। पक्काबाग निवासी शेरअली पुत्र अब्दुल अजीज छह साल पहले सऊदी अरब में नौकरी करने गया था। करीब सप्ताह भर पहले शेरअली का एक वीडियो सऊदी से सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें शेरअली ने शेख पर पासपोर्ट और इकामा जब्त करने का आरोप लगाते हुए बंधक बनाने और घर वापस न लौटने देने का आरोप लगाया था। परिजनों ने विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ वीडियो साझा की। भारत सरकार के हस्तक्षेप और कड़े रुख के बाद सऊदी सरकार भी हरकत में आई। बुधवार की शाम शेर अली अपने घर पहुंचा। उसने बताया कि भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद सऊदी में शेख के खाते सीज कर दिए गए। इसके बाद शेख ने उसका पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज लौटाकर अपने खर्च पर दिल्ली के लिए रवाना कर दिया। सकुशल घर वापसी के बाद जहां परिजनों में खुशी की लहर है! वहीं शेर अली ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। वेल्डिंग के लिए बुलाया, ऊंट व बकरी चराने का लिया काम छह साल के बाद वतन लौटे शेरअली ने आपबीती बताई तो परिजनों की आंखें नम हो गईं। बताया कि उसे सऊदी अरब में वेल्डिंग के काम के लिए बुलाया था। मगर, उसे ऊंट व बकरियों को चराने और घर की सफाई करने का काम लिया गया। छह साल उसने एक छोटी सी कोठरी में ही बड़ी मुश्किल से गुजारे। शेर अली ने बताया कि वह शादी के कुछ दिनों बाद ही नौकरी के लिए सऊदी चला गया था। यहां से उसे वेल्डिंग के काम के लिए बुलाया गया था। मगर, शेख के इंतकाल के बाद उसके बेटे ने बागडोर संभाली तो उसे वेल्डिंग के काम से हटाकर ऊंट-बकरियों को चराने और साफ सफाई के काम पर लगा दिया गया। शेरअली रियाद से करीब पांच किलोमीटर दूर सलैया गांव में था। शेख ने रहने के लिए एक छोटी सी कोठरी दे रखी थी। कुछ कागजों पर उससे हस्ताक्षर करा रखे थे, जिससे वह और दबाव में आ गया। परिजनों से अपने सामने बात कराता था शेख शेरअली ने बताया कि उसे ज्यादा फोन चलाना नहीं आता था। शेख अपने सामने ही परिजनों से उसकी बात कराता था। शेख की मौजूदगी में डर की वजह से वह कभी परिजनों को अपनी मजबूरी नहीं बता पाया। एक दिन जंगल में बकरी चराते वक्त उसे अपने क्षेत्र का एक व्यक्ति मिला। उसने वीडियो बनाकर परिजनों को भेजी। भाई शाहनवाज ने बताया कि उन्हें पहले भी एक वीडियो मिली थी!, जिसे वह एंबेसी को भेजना चाहते थे। मगर, दूर देश में भाई की सलामती के लिए वीडियो शेयर नहीं कर पाएं। मोहल्ले के सभासद नदीम ने जब हिम्मत दिखाई तो उन्होंने यह वीडियो पीएम कार्यालय और विदेश मंत्रालय को भेज दी। नहीं मिली पगार शेरअली ने बताया कि भारत सरकार के हस्तक्षेप के बाद शेख पर दवाब बना और उसने उसे अपने खर्च पर सकुशल दिल्ली के लिए रवाना कर दिया। मगर, उसे पगार के नाम पर कुछ नहीं दिया गया। फिलहाल लंबे समय से सऊदी में फंसे शेरअली की घर वापसी पर परिजनों में खुशी की लहर है।