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बाबुल की बेबसी, बेटी की शादी के लिए अफसर की चौखट पर आंखे हो गईं नम
ब्यूरो रिपोर्ट
रुद्रपुर। बाबुल की बेबसी, साहब 80 फीसदी दिव्यांग हूं। परिवार का कोई सहारा नहीं है। छह बच्चों में पांच की शादी कर दी। एक बेटी रह गई है। आय के साधन न होने से बिटिया की शादी भी नहीं कर पा रहा। सरकार से पेंशन मिलती थी तो वो भी तीन महीनों से नहीं मिली, यह कहते-कहते दिव्यांग रो पड़ा। सीडीओ दफ्तर के बाहर दिव्यांग की मुफलिसी देख समाज कल्याण विभाग भी तुरंत हरकत में आ गया। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी ने बुजुर्ग को समस्या का निदान करने का भरोसा दिया। मंगलवार को दोपहर शिवनगर ट्रांजिट कैंप निवासी ओमप्रकाश 64 विकास भवन पहुंचे और ट्राई साईकिल से सीडीओ कार्यालय के सामने जाकर सीडीओ से मिलने की गुहार लगाने लगे। यहां सीडीओ दफ्तर के कर्मचारी ने ओमप्रकाश की व्यथा सुनकर समाज कल्याण विभाग को जानकारी दी। इस पर प्रशासनिक अधिकारी सतीश बत्रा वहां पहुंचे। ओमप्रकाश ने रोते हुए बताया कि साल 2013 में किच्छा रेलवे स्टेशन पर रेल की चपेट में आकर दोनों पैर कट गए। एक हाथ भी टूट गया है। बायीं आंख की रोशनी नहीं और दाहिनी आंख से कम दिखने लगा। तीन बेटियों व दो बेटों की शादी कर दी है। दोनों बेटे अलग रहते हैं। 19 साल की बेटी घर पर है, जिसकी शादी भी नहीं कर पा रहा हूं। मेरी पेंशन क्यों नहीं मिल रही। इस पर प्रशासनिक अधिकारी बत्रा ने उनकी बैंक खाते की पासबुक लेकर जांच की तो पता चला कि नवंबर से जनवरी तक उनकी पेंशन की राशि ही नहीं पहुंची। इस पर उन्होंने मार्च में चार महीने की पेंशन आने का भरोसा दिलाया। ओमप्रकाश ने बैटरीचालित ट्राईसाईकिल की मांग की तो बत्रा ने उसकी डिमांड भेजने का आश्वासन दिया। कहा कि बिटिया की शादी के लिए जल्द ही ऋण दिलाएंगे। इसके बाद संतुष्ट होकर ओमप्रकाश घर के लिए रवाना हो गए।