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मानव वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से संवेदनशील इलाकों में गश्त बढ़ाएं, मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश,
ब्यूरो रिपोर्ट
देहरादून! सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश में वन्यजीवों की आबादी का आंकलन उनकी धारण क्षमता के अनुरूप किया जाए। यदि जरूरी हो तो कुछ वन्यजीवों को अन्य स्थानों एवं राज्यों में ट्रांसलोकेट करने की संभावना का परीक्षण किया जाए! शासन ने मानव वन्यजीव संघर्ष की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों में गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शासन ने प्रमुख वन संरक्षक को लिखे पत्र में कहा, हाल में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं। इस पर रोक के लिए जरूरी कदम उठाने के साथ ही सहायक वन संरक्षक एवं प्रभागीय वनाधिकारी के स्तर से इसकी नियमित समीक्षा की जाए! प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है! कि किसी तरह की दुर्घटना की जानकारी होने पर राहत एवं बचाव कार्य किए जाएं। यदि घटना में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 11 के तहत उत्तरदायी वन्यजीव को पकड़ने या अंतिम विकल्प के रूप में मारने की कार्रवाई की जानी हो तो की जाए। देय अनुग्रह राशि का जल्द भुगतान किया जाए। मानव वन्यजीव संघर्ष निवारण टोल फ्री नंबर की लोगों को जानकारी दी जाए। निर्देश में यह भी कहा गया है! कि प्रदेश में वन्यजीवों की आबादी का आंकलन उनकी धारण क्षमता के अनुरूप किया जाए। यदि जरूरी हो तो कुछ वन्यजीवों को अन्य स्थानों एवं राज्यों में ट्रांसलोकेट करने की संभावना का परीक्षण किया जाए। इसके अलावा हर घटना की विधिवत समीक्षा की जाए। इसमें यदि किसी तरह की लापरवाही मिली तो संभावित के खिलाफ नियमानुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने शासन को दिए निर्देश!
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बच्चों पर गुलदार के हमले की घटनाओं पर चिंता जताते हुए शासन को इसकी रोकथाम के लिए, आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। कहा कि लोग वन्यजीव बहुल क्षेत्रों में अकेले जाने से बचने और बच्चों को समूह में स्कूल आने-जाने को प्रेरित किया जाए। गौशाला, शौचालय एवं घरों के आस-पास झाड़ियों की नियमित रूप से सफाई रखे एवं प्रकाश की व्यवस्था करें।