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होटलों का गृहकर कम होगा, पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, मुख्यमंत्री योगी कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले,
ब्यूरो रिपोर्ट
लखनऊ! प्रदेश की सभी सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी पांच साल तक ठेकेदार की होगी। अयोध्या में आने वाले श्रद्धालुओं को शुद्ध पेयजल मुहैया कराने के लिए सरकार एक नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा योगी कैबिनेट ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए।अयोध्या में श्री रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के साथ ही सरकार प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण फैसला किया है। इसके लिए सरकार होटलों के प्रापर्टी टैक्स को कम करने जा रही है। सरकार ने होटलों को उद्योग का दर्जा देते हुए इनपर लगने वाले गृहकर में भारी कमी करने का फैसला किया है। मौजूदा समय में होटलों से आवासीय भवनों पर लगने वाले गृहकर से छह गुना अधिक गृहकर ली जा रही है। सरकार के फैसले के बाद अब सिर्फ तीन गुना गृहकर लिया जाएगा। इससे संबंधित नगर विकास विभाग के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन मंजूरी दे दी गई है। बता दें कि प्रदेश में होटलों पर गृहकर की दरें अलग-अलग तय की गई हैं। चार सितारा से कम की रेटिंग वाले होटलों से आवासीय का पांच गुणा गृहकर लिया जाता है। चार सितारा व इससे अधिक की रेटिंग वाले होटलों से यह छह गुणा वसूला जाता है। जिन होटलों में बार की सुविधा होती है, फिर चाहे वे किसी भी श्रेणी के हों, उनका टैक्स आवासीय भवनों का छह गुणा लिया जाता है। प्रदेश में होटल व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए ही सरकार ने इन्हें राहत देने का निर्णय लिया है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 में होटलों को उद्योग का दर्जा दिया गया है। नगर विकास विभाग ने गृहकर कम करने के लिए निर्धारित प्रारूप में आपत्तियां व सुझाव मांगे थे। गुरुवार को इनका गृहकर कम करने का प्रस्ताव कैबिनेट ने पास कर दिया है। गृहकर में छूट उन्हीं होटलों को मिलेगी, जो पर्यटन विभाग में पंजीकृत होंगे। अगर किसी होटल का पंजीकरण पर्यटन विभाग में नहीं होगा तो उन्हें छूट नहीं दी जाएगी।प्रदेश के 17 नगर निगमों में जो होटल हैं उसमें वर्ष 2022-23 में 48.36 करोड़ रुपये का गृहकर वसूला गया था। प्रापर्टी टैक्स की दरें कम होने से नगर निगमों की आय में कुछ कमी हो सकती है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इससे होटल व्यवसाय में तेजी आएगी और नए होटल खुलेंगे। इससे प्रापर्टी टैक्स भी बढ़ने की उम्मीद है।पुरानी नीति के बजाय नई नीति का लाभ ले सकेंगे निवेश के उत्तर प्रदेश औद्योगिक प्रोत्साहन एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 का लाभ वर्ष 2017 की पुरानी नीति के तहत आवेदन करने वाले निवेशकों को भी मिलेगा। कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उत्तर प्रदेश में निवेश की राह और आसान हो गई है। प्रदेश में पहले से निवेश करने वाले उद्यमियों की पुरानी मांग को सरकार ने स्वीकार कर लिया है प्रदेश के 17 नगर निगमों में जो होटल हैं उसमें वर्ष 2022-23 में 48.36 करोड़ रुपये का गृहकर वसूला गया था। प्रापर्टी टैक्स की दरें कम होने से नगर निगमों की आय में कुछ कमी हो सकती है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का मानना है कि इससे होटल व्यवसाय में तेजी आएगी और नए होटल खुलेंगे। इससे प्रापर्टी टैक्स भी बढ़ने की उम्मीद है।