बिजनौर डीएफओ अनिल पटेल को शासन ने किया निलंबित

ब्रेकिंग न्यूज़:- बिजनौर डीएफओ अनिल पटेल को शासन ने किया निलंबित

विधायक सुशांत सिंह के करीबियों पर करवाना चाहते थे कार्यवाही, डीएफओ ने दी थी दो तरह की तहरीर

रिपोर्ट, न्यूज़ इण्डिया टुडे ब्यूरो
बिजनौर। मिली जानकारी के अनुसार आखिरकार डीएफओ अनिल पटेल पर गिर ही गई गाज़। बता दे कि शासन द्वारा बिजनौर डीएफओ अनिल पटेल को निलंबित कर दिया गया है। सुर्खियों में छाने वाले डीएफओ अनिल पटेल द्वारा बढ़ापुर विधायक से पंगा लेना भारी पड़ा । दर्जन भर अख़बारो में अपने अधिनस्तो को जमा कर खबर छपवाई गई थी । ताकि विधायक के पी,ए पर कार्यवाही हो सके लेकिन डीएफओ अनिल पटेल इतने छाए की शासन तक इसकी गूंज सुनाई दी और शासन द्वारा डीएफओ की जांच कराने पर दौसी पाए गए गये। जिन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीएफओ अनिल पटेल वन संपदा को नुकसान कराने में अपनी भूमिका निभा रहे थे जिसको लेकर समय समय पर अखबारों ने प्रमुखता से खबरे प्रकाशित की थी ।लेकिन मामला तूल जब पकड़ा कहरिपुर में हो रहे निर्माण को लेकर डीएफओ द्वारा 2 प्रकार की तहरीर दी गई थी। डीएफओ द्वारा सत्ता पक्ष के विधायक सुशांत सिंह के करीबियों पर कार्यवाही करवाना चाहते थे । जबकि डीएफओ अनिल पटेल को एक ही तहरीर देनी चाहिये थी न कि तहरीर को बदल कर दूसरी तहरीर देनी थी। डीएफओ जैसी बड़ी पोस्ट पर रहकर इस तरह का कार्य करने पर ही निलंबित जैसी कार्यवाही शासन द्वारा करना ही और लोगो के लिये एक सबक के रूप में साबित होगा। जबकि बताया गया है कि अमानगढ़ रेंज से लकड़ी माफिया प्रतिबन्धित बेशकीमती लककियों को रात के अंधेरे में चोरी कर लेजाते है । जबकि बन विभाग के सैकड़ो वन दारोगा वनों की रखवाली करते है लेकिन उसके बाद भी लकड़ी माफिया बेशकीमती लकड़िया लेजाने में कामयाब कैसे हो रहे थे ये एक बड़ा प्रश्न है।

 

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