बद्रीनाथ के यात्रियों की अनियंत्रित भीड़ को , कुमायूं की तरफ भेजा जाय – बड़ोला

बद्रीनाथ के यात्रियों की अनियंत्रित भीड़ को , कुमायूं की तरफ भेजा जाय – बड़ोला

रिपोर्टर, संदीप पाठक संवाददाता
रानीखेत। चार-धाम यात्रा में तीर्थ यात्रियों की अनियंत्रित भीड़ को देखते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा है कि तीर्थ यात्रियों को चार धाम यात्रा का अवसर साल में केवल एक ही बार मिलेगा l
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए ‘कुमायूं में चार धाम मान्यता अभियान’ के संयोजक डी एन बड़ोला ने मुख्य मंत्री धामी जी से अपील की है कि चार धाम यात्रा में अभूतपूर्व ब्रद्धि को देखते हुए बद्रीनाथ धाम से लौटते तीर्थ यात्रिओं को कर्णप्रयाग हाईवे से होते हुए कुमायूं के नए प्रस्तावित चार-धामों के दर्शन हेतु (i) जागेश्वर धाम, (ii)हाट कालिका मंदिर व (iii) पातळ भुवनेश्वर मंदिरों, जिन तीनों मंदिरों को 8वी शताब्दी में आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित किया था, उनके दर्शनों के लिए भेजने हेतु सुविधा दी जाय और तीर्थ यात्रिओं लिए आवश्यक इंतजाम लिए जायं ! इन मंदिरों को तीर्थ यात्रिओं के लिए खोलना श्रेयष्कर रहेगा ! उक्त तीनों मंदिर सरकार द्वारा पहले से ही मानस खंड मंदिर माला मिशन के अंतर्गत शामिल किये जा चुके हैं ! (iv)इसके अतिरिक्त कल्यानिका कनरा-डोल आश्रम में 1760 किलो वजनी अष्टधातु से बने विश्व के सबसे बड़े श्री यंत्र की स्थापना के उदघाटन के अवसर पर 18 अप्रैल,1918 को तत्कालीन राज्यपाल डॉ के के पॉल ने घोषणा की कि विश्व प्रसिद्द ‘श्री कल्याणिका हिमालयन देवस्थानम न्यास कनरा-डोल (डोल आश्रम)’ को उत्तराखंड के पांचवे धाम के रूप में पहिचाना जाएगा l
बड़ोला ने कहा यदि चार धाम यात्रियों को कुमायूं में चार धाम यात्रा के नए तीर्थ स्थलों के दर्शन करवाने के लिए कर्णप्रयाग हाई वे द्वारा रानीखेत-अल्मोड़ा एवं पूरे कुमायूं क्षेत्र हेतु प्रेरित किया जा सके तो कुमायूं की आर्थिकी में बहुत सकारात्मक बदलाव आएगा तथा पर्यटन एवं धर्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा ! कुमायूं के यह चार धाम बारह माह खुले रहते हैं ! अगले वर्ष जब बद्रीनाथ के कपाट खुलेंगे नए रिकॉर्ड बनने निश्चित है l उस समय किसी भी परेशानी से बचने के लिए श्रद्धालुओं की रिकॉर्ड तोड़ भीड़ को बद्रीनाथ से कर्णप्रयाग हाईवे से रानीखेत– अल्मोड़ा एवं पूरे कुमायूं को तीर्थ यात्री नए तीर्थों व नए पर्यटक स्थलों के दर्शन एवं नवीन एडवेंचर हेतु पर्यटकों को नए स्थलों की खोज का भी आनंद मिलेगा ! वह पौराणिक काल के हमारे अनेक के मंदिरों के साक्षात् दर्शन भी कर पायेंगे !

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