केन्द्र सरकार स्वच्छता के मानक के अनुरूप जल संरक्षण के प्रति अति गंभीर और संवेदनशील-श्रीमती पेरिन देवी, संयुक्त सचिव

 केन्द्र सरकार स्वच्छता के मानक के अनुरूप जल संरक्षण के प्रति अति गंभीर और संवेदनशील-श्रीमती पेरिन देवी, संयुक्त सचिव

शमीम अहमद मुख्य संपादक

बिजनौर। श्रीमती पेरिन देवी द्वारा मालन नदी के जीर्णोद्धार कराने की आवश्यकता के सम्बन्ध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य जल संचयन के अलावा उसे मूल रूप में स्थापित करते हुए इसके प्रवाह को निर्वाध रूप से जारी करना, मुख्य स्थानों पर चेक डेम का निर्माण तथा जल संचयन*

श्रीमती पेरिन देवी, संयुक्त सचिव, पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्रालय, भारत सरकार ने कहा कि जल शक्ति अभियान भारत सरकार के पायलट प्रोजेक्ट में से एक है, जिसके अंतर्गत जल संचयन के लिए केंद्र सरकार ने देश के कोने-कोने में पानी के भंडारण तथा वर्षा जल संग्रहण का अभियान संचालित किया है। उन्होंने निर्देश दिए कि सभी सरकारी एवं प्राइवेट भवनों में रेन हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित किया जाए ताकि वर्षा के जल का संचयन सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि चेक डेम तथा जलाशयों में किसी भी अवस्था में गंदा पानी न जाने दें ताकि भूगर्भ जल की स्वच्छता बनी रहे। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार जल संरक्षण के प्रति अति गंभीर और संवेदनशील है तथा इसी क्रम में विभिन्न मंत्रालयों के माध्यम से जल संचयन के लिए देशव्यापी स्तर पर कार्यक्रमांे का संचालन किया जा रहा है।
संयुक्त सचिव, श्रीमती पेरिन देवी तीन दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के अंतर्गत आज दोपहर 12ः00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में जल शक्ति विभाग के तत्वाधान वर्षा जल संचयन से संबंधित आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए बोल रही थीं।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा भूगर्भ के गिरते जल स्तर को रोकने तथा उसे मानक के अनुरूप बनाए रखने के लिए गंभीरता पूर्वक प्रयास किए जा रहे हैं। इसी के साथ विभिन्न वर्षा जल संचयन और संरक्षण के उपायों एवं कार्यान्वयन की स्थिति के बारे में भी जानकारी ली जा रही है। उनके द्वारा मालन नदी के जीर्णाेद्वार कराने की आवश्यकता के सम्बन्ध में पूछे जाने पर जिलाधिकारी ने बताया कि इसका मुख्य उद्देश्य जल संचयन के अलावा उसे मूल रूप में स्थापित करते हुए इसके प्रवाह को निर्वाध रूप से जारी करना है। उन्होंने बताया कि लगभग 105 किमी मालन नदी की चौड़ाई अभिलेखों के आधार पर सौ से एक सौ बीस मीटर है, जिस पर अतिक्रमण होने की वजह से मात्र 10 से 20 मीटर रह गई थी। उन्होंने बताया कि मालन नदी के जीर्णोद्धार का कार्य जन सहभागिता के आधार पर किया जा रहा है, जिसका लाभ किसानों के साथ-साथ जनसामान्य को भी प्राप्त होगा।
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने संयुक्त सचिव को यह भी बताया कि जिला प्रशासन द्वारा प्रत्येक नगर निकाय एवं पंचायत क्षेत्र स्तर पर कम से कम एक अमृत सरोवर का निर्माण कराया जा रहा है जो आगामी दो माह में पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा जिले में वर्तमान तक 75 अमृत सरोवर का कार्य प्रगति पर है एवं 21 चेकडैम का निर्माण कराया जा चुका है, जिसके नतीजे में जिले के कई ब्लॉक जो क्रिटिकल जोन में थे, वर्तमान में वे सेमी क्रिटिकल अथवा सामान्य जोन में आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा इसी माह जिला प्रशासन द्वारा 65 लाख से अधिक वृक्षारोपण किया गया है, जिसके अंतर्गत तीन बड़े भूभागों विदुर वन, शकुन्तला वन तथा दुश्यंत वन में लगभग 15-15 हजार पौधों का रोपण किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि मालन नदी के किनारों पर एक लाख से अधिक बांस के पौधे रोपित किए जाएंगे, जिसकी देखभाल एवं संरक्षण संबंधित किसानों द्वारा किया जाएगा।
उन्होंने जिले में वर्षा जल संचयन के लिए विभिन्न प्रकार से किये जा रहे कार्यों पर पूर्ण संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी की प्रशंसा की तथा उन्हें जन सहभागिता एवं योजनाबद्ध तरीके से कार्य जारी रखने के निर्देश दिए।
मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा कैच द रैन-2022 के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के माध्यम से तालाबों का निर्माण एवं अन्य जलाशयों का निर्माण कराया जा रहा है तथा प्रत्येक पंचायत स्तर पर एक-एक अमृत सरोवर के निर्माण का कार्य भी प्रगति पर है।
बैठक के दौरान लघु सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार द्वारा जिले में जल शक्ति अभियान कैच द रेन-2022 के तहत किए जा रहे कार्य की पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी गई।जिले में चल रहे जल शक्ति अभियान के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराई।
इस अवसर पर जल शक्ति विभाग, भारत सरकार की टीम की सदस्या श्रीमती सुप्रिया सिंह, टेक्निकल ऑफिसर, मुख्य चिकित्साधिकारी डा0 विजय कुमार गोयल, परियोजना निदेशक डीआरडीए ज्ञानेश्वर तिवारी, जिला पंचायत अधिकारी सतीश कुमार के अलावा अन्य संबंधित जिला स्तरीय अधिकारी, समस्त उपजिलाधिकारी, अधिशासी अधिकारी नगर निकाय तथा खण्ड विकास अधिकारी मौजूद थे।

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