जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा जिले को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के सहयोग का कियाअनुरोध

जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा जिले को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के सहयोग का कियाअनुरोध

 भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से आए डिप्टी सेक्रेट्री एवं उनकी टीम के साथ बैठक

शमीम अहमद संपादक

बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जिला बिजनौर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके अंतर्गत कण्व आश्रम, विदुर कुटी, बैराज पीली डेम, मालन नदी को विकसित किए जाने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने बताया कि विदुर कुटी को आमजन के लिए हितकारी बनाने के लिए वहां स्थित आयुर्वेदिक एवं प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति पर आधारित चिकित्सालय स्थापित किए गए हैं, जिसमें मरीजों के भर्ती एवं तीमारदारों के लिए ठहरने की उचित व्यवस्था भी मौजूद है। उन्होंने बताया कि इसी के साथ ज्योतिष एवं योगा अध्ययन केंद्र स्थापित किए जाना प्रस्तावित है।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा कलेक्ट्रेट सभागार में जिले को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के सहयोग के अनुरोध पर भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय से आए डिप्टी सेक्रेट्री एवं उनकी टीम के साथ आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए आवश्यक जानकारी उपलब्ध करा रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिला बिजनौर में पौराणिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, एतिहासिक एवं प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण जिला है, जिसमें पर्यटन के लिए विशेष सम्भावनाएं एवं आकर्षण है। उन्होंने बताया कि विदुर कुटी में जिला प्रशासन द्वारा जन सहयोग के माध्यम से इन्फ्रास्ट्रचर तैयार कराया गया है, उसका केवल रिनोवेट करने की ज़रूरत है। जिलाधिकारी ने बताया कि विदुर कुटी में बिजनौर के प्राचीन इतिहास, महात्मा विदुर, कण्व ऋषि आदि धार्मिक एवं सांस्कृतिक आदि विषयों पर भरपूर जानकारी पर आधारित पुस्तकों से सुसज्जित पुस्तकालय भी मौजूद है और पाठकगणों के लिए अध्यन की उचित व्यवस्था भी है।
उन्होंने यह भी बताया कि गंगा बैराज और पीली बांध को जल क्रीड़ा स्थल के रूप में विकसित करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं। उन्होनंे बताया कि जिला बिजनौर का बहुत बड़ा क्षेत्र गंगा की धारा से आच्छादित है और कई ऐसे स्थान हैं, जहां पर गंगा के विस्तार के साथ-साथ पानी की गहराई भी बहुत ज्यादा होने के कारण जल क्रीड़ा की प्रबल सम्भावनाएं मौजूद हैं। उन्होनंे कहा कि ऐसे स्थलों की निशानदेही कर उन्हें जल क्रीड़ा के संस्साधनों की उपलब्धता करने के लिय पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के प्रयास किये जा रहे। उन्होंने यह भी बताया कि अमानगढ़ वन क्षेत्र को पर्यटकों के विचरण के लिए शीघ्र खोला जाना प्रस्तावित है, जहां प्राकृतिक वन सौंदर्य के साथ-साथ वन्य जीव-जन्तुओं के दर्शन की संभावनाएं भी मौजूद हैं।
डिप्टी सचिव, जलशक्ति भारत सरकार धीरज जोशी उक्त जानकारी से बहुत प्रभावित हुए और उन्होंने उपरोक्त स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर टीम के सदस्यों को कार्य प्रारम्भ करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिलाधिकारी को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार से जिला बिजनौर को पर्यटन हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रभावी रूप से प्रयास किया जाएगा। जिलाधिकारी द्वारा मीटिंग में मौजूद डीएफओ को निर्देश दिए कि डिप्टी सेक्रेट्री श्री जोशी को उक्त सभी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कराएं।
इस अवसर पर प्रभागीय निदेशक, सामाजिक वानिकी बिजनौर डा0 अनिल कुमार तथा जल शक्ति मंत्रालय, भारत सरकार के अन्य अधिकारी एवं सर्वे टीम के सदस्य मौजूद थे।

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