
जल जीवन मिशन के अर्न्तगत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में समिति की बैठक हुई सम्पन्न
जिलाधिकारी उमेश मिश्रा द्वारा जिले में कार्यरत कार्यदायी संस्था के असहयोगी रवैय्ये के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त
शमीम अहमद संपादक
बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि आमजन के जीवन एवं स्वास्थ्य के साथ खिलावाड़ बर्दाशत नहीं किया जाएगा। उन्होंने द्वितीय चरण में जल जीवन मिशन के अर्न्तगत जिले में कार्यरत कार्यदायी संस्था के असहयोगी रवैय्ये के प्रति कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए अधिशासी अभियंता जल निगम को निर्देश दिए कि संबंधित कार्यदायी संस्था का भुगतान तभी किया जाए, जब उसके द्वारा अपूर्ण और लम्बित कार्य पूर्ण गुणवत्ता एवं मानक के साथ पूरे न कर लिए जाएं। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि जल निगम द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत ग्रामीण अंचलों में शुद्वपेय जल की उपलब्धता के लिए जो योजनाएं संचालित की जा रही हैं, उनकी गुणवत्ता के निरीक्षण के लिए जल निगम, लोक निर्माण विभाग तथा ग्रामीण अभियंत्रण सेवा के तकनीकी अधिकारियों की संतुष्टि एवं संस्तुति के आधार पर ही कार्य के भुगतान आदि सम्बन्धी अग्रिम कार्यवाही अमल में लाई जाए।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा आज पूर्वान्ह 11ः00 बजे कलेक्ट्रेट सभागार में जल जीवन मिशन अर्न्तगत जिला पेयजल एवं स्वच्छता समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास करने वाले लोगों के लिए सरकार द्वारा शुद्वपेय जल उपलब्ध कराने के लिए सतत् प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्टर जनित तथा संक्रामक रोग न पनपने पाएं और जनसामान्य स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि द्वितीय चरण में कार्य करने वाली कार्यदायी संस्था द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में असहयोगपूर्ण बर्ताव के कारण योजना को मानक के अनुरूप संपादित नहीं किया गया है और इसके अलावा कई परियोजनाएं अपूर्ण अवस्था में लम्बित हैं। उन्होंने उक्त कृत्य को गंभीरता से लेते हुए संबंधित संस्था के विरूद्व उनके माध्यम से प्रमाणित विवरण के साथ अर्द्वशासकीय पत्र जल निगम के उच्च अधिकारी एवं शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जल निगम के सभी कार्यों की गुणवत्ता की जांच नियमित रूप से तकनीकी समिति द्वारा कराई जाए।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा द्वारा जल जीवन मिशन अर्न्तगत संचालित कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए पाया गया कि जिला बिजनौर के लिए राज्य पेयजल मिशन (ैॅैडद्ध द्वारा ग्रामीण पेयजल आपूर्ति के लिए तृतीय चरण के लिए चयनित फर्म डध्े टपदकीलं ज्मसमसपदो स्पउपजपमक. ळंरं म्दहपदममतपदह च्अज ण्स्जकण् ;श्रण्टद्ध त्महपेजमतमक वििपबम ंज न्कलवह टपींतए च्ण्व्ण् ब्ीवतींजंए त्मूं दृ 486006ए डंकीलं च्तंकमेी द्वारा प्रस्तुत 70 नग डी0पी0आर0 समिति की स्वीकृति हेतु प्रस्तुत की गई जिसमें विकास खण्ड कोतवाली की 13 नग, बुढ़नपुर की 01 नग, जलीलपुर की 04 नग, नजीबाबाद की 18 नग, अफजलगढ़ की 02 नग, मौ0 पुर देवमल की 08 नग, हल्दौर की 05 नग, किरतपुर की 05 नग, अल्हैपुर की 08 नग, नूरपुर की 06 नग, योजना सम्मिलित है। 64 नग डी0पी0आर0 जिनकी लागत रु0 5.00 करोड़ से कम है की स्वीकृति जिला पेयजल एवं स्वच्छता समिति द्वारा तथा 06 नग डी0पी0आर0 जिनकी लागत रु0 5.00 से अधिक है, की स्वीकृति हेतु संस्तुति राज्य पेयजल एवं स्वच्छता समिति, लखनऊ (कुल लागत रु0 24587.58 लाख) को की गई। इन डी0पी0आर0 से 131 नग राजस्व ग्राम पेयजल से आच्छादित हो जायेगे की तकनीकी एवं वित्तीय स्वीकृति/संस्तुति क्ॅैड अध्यक्ष/जिलाधिकारी द्वारा प्रदान की गई। इन 70 नग डी0पी0आर0 की अभिकल्पित आयु पर प्रति योजना प्रति व्यक्ति लागत रु0 6400.00 अथवा इससे कम आती है।
इस अवसर पर, मुख्य विकास अधिकारी के0 पी0 सिंह, अपर जिलाअधिकारी प्रशासन विनय कुमार सिंह, अधिशासी अभियंता जल निगम भरत सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी सतीश कुमार, अधिशासी अभियन्ता नलकूप खण्ड, अधिशासी अभियन्ता, खण्ड कार्यालय सहित अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।