गंगा दशहरा पर काशी के घाटों पर उमड़ा आस्थावानों का जनसैलाब, लगाई पुण्य की डुबकी
सुभम मौर्य ब्यूरो
वाराणसी। गंगा दशहरा के मौके पर गुरुवार को बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में गंगा तट पर सुबह से ही आस्थावानों का जनसैलाब देखने को मिला। सुबह पुण्य काल में सूर्योदय के साथ ही शुरू हुआ गंगा स्नान दिन चढ़ने तक जारी रहा। स्नान के बाद दान पुण्य की परंपराओं का भी आस्थावानों ने निर्वहन किया। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई और आशीर्वाद प्राप्त किया। दशाश्वमेध, राजेन्द्र प्रसाद, शीतलाघाट, अहिल्याबाई घाट , भैंसासुर व अन्य प्रमुख घाट स्नानार्थियों से पटे रहे। गोदौलिया चौराहे से दशाश्वमेध तक मेले जैसा दृश्य नजर आया। सूर्यास्त के बाद मां गंगा का विशेष पूजन अर्चन शुरू किया जाएगा। साथ ही घाट पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन और मां सुरसरि की 11 ब्राह्मणों द्वारा महाआरती की जाएगी।चोलापुर से गंगा स्नान करने आईं डॉ नीलम सिंह ने बताया कि आज के दिन गंगा स्नान से रोग, पापों से मुक्ति मिलती है। वे हर साल इस दिन परिवार संग गंगा स्नान के लिए आती हैं। बटुक महाराज ने बताया कि दो साल बाद गंगा दशहरा पर श्रद्धालुओं की इतनी भीड़ देखने को मिल रही है। भीषण गर्मी पड़ने के बाद भी लोग मां गंगा के स्नान को पहुंच रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार, मां गंगा का पृथ्वी पर अवतरण जेष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि में वृष लग्न में हुआ था। इस बार दशमी तिथि गुरुवार रात 3:08 बजे शुरू हुई और रात 2:26 बजे तक रहेगी। वृष लग्न 3:42 से तक 5:37 बजे था। सूर्योदय 5:14 बजे हुआ। मान्यता है कि कहा कि गंगा दशहरा पर 10 तरह के जो पाप ऋषि-मुनियों ने बताऐं हैं उनसे गंगा स्नान करके मुक्ति मिलती है।