बिजनौर में मत्स्य उद्योग के रूप मे विकसित करने की अपार संभावनाएं, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा

 बिजनौर में मत्स्य उद्योग के रूप मे विकसित करने की अपार संभावनाएं, जिलाधिकारी उमेश मिश्रा

 

 प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत संचालित योजनाओं को सुव्यवस्थित एवं प्रभावी रूप में क्रियान्वित करने के सीडीओ को दिए निर्देश

News इंडिया today

बिजनौर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने कहा कि जिले में मत्स्य सम्पदा योजना को विकसित करने और उससे किसानों एवं मत्स्य व्यवसाय से जुड़े लोगों के आर्थिक विकास की अपार सम्भावनाएं हैं, जिससे न केवल किसान बंधुओं की आय में भारी वृद्वि होगी वहीं दूसरी ओर आम आदमी को भी भरपूर रोजगार प्राप्त होगा। उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत संचालित कार्याें को सुव्यवस्थित एवं प्रभावी रूप में इस प्रकार से क्रियान्वियन करें की जिले में मत्स्य व्यवसाय को उद्योग के रूप में विकसित किया जा सके।
जिलाधिकारी श्री मिश्रा आज पूर्वाहन 11ः30 बजे कलेक्टेट सभागार में आयोजित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत जिला स्तरीय समिति की आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए निर्देश दे रहे थे।
उन्होंने कहा कि जिला बिजनौर का वातावरण मच्छली पालन, हैचरी, नर्सरी आदि के लिए अनुकूल होने के कारण यहां मत्स्य से संबंधित कारोबार को उद्योग के रूप मे विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को अनुदान पर अनेक सुविधाएं एवं अवसर प्रदान कराए जा रहे हैं, परन्तु उनको सही दिशा और मार्गदर्शन के अभाव के कारण मत्स्य के व्यवसाय को अपेक्षित गति नहीं मिल पा रही है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा मत्स्य के व्यवसाय को विकसित करने और उसे कृषकों की आय में अपेक्षित वृद्वि करने तथा आमजन को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के लिए निजी भूमि पर तालाबों का निर्माण, निजी भूमि पर रियरिगं तालाबों का निर्माण, वृहद्व मत्स्य आहार मिल निर्माण, बायोफलाक तालाब निर्माण, मत्स्स मुद्रा बाजार निर्माण/एक्यूरिम निर्माण, मत्स्य बीज हैचरी निर्माण, लघु मत्स्य आहार मिल निर्माण सहित अन्य योजनाएं संचालित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि यदि उक्त योजनाओं को सुव्यवस्थित रूप से क्रियान्वियन किया जाए तो बिजनौर में मत्स्य उद्योग स्थापित किया जा सकता है।
उन्होंने मुख्य विकास अधिकारी को निर्देश दिए कि मत्स्य विभाग द्वारा संचालित योजनाओं की समीक्षा करें और तालाबों के निर्माण एवं अन्य योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण करना सुनिश्चित करें। उन्होंने सहायक निदेशक मत्स्य को निर्देश दिए कि निजी भूमि पर तालाबों पर किए गए निर्माण की फोटो एवं वीडियोग्राफी कराएं तथा 15-20 मिन्ट की लाभार्थियों के आर्थिक विकास, जीवन में खुशहाली एवं सकारात्मक परिवर्तन पर आधारित डाक्यूमेंटरी फिल्म निर्मित कराएं ताकि लोग प्रेरित और प्रोत्साहित हो सकें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिले में उत्पादित मत्स्य विक्रय के लिए जिले में ही मार्किटिंग की संभावनाएं तलाश करें और तब तक ऐसे बड़े वाहन तैयार कराएं जिनमें जिले में उत्पादित होने वाली मच्छलियों को बल्क में अन्य बाजारों में भेजा सके। उन्होंने निर्देशित करते हुए कि तालाब निर्माण सहित सभी कार्याें का विभागीय निरीक्षकों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण कराया जाना सुनिश्चित कराएं।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी के0पी0 सिंह, सहायक निदेशक मत्स्य, जिला अग्रिणी बैंक प्रबंधक सहित अन्य विभागीय अधिकारी मौजूद थेl

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