पूर्वांचल के कई जिलों में मां के प्रसिद्ध मंदिरों में भारी संख्या में लगा भक्तों का जमावाड़ा

पूर्वांचल के कई जिलों में मां के प्रसिद्ध मंदिरों में भारी संख्या में लगा भक्तों का जमावाड़ा

शुभम मौर्य चंदौली ब्यूरो

चंदौली। चैत्र नवरात्र शुरू हो चुके हैं और इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा करने का विधान है। इस दौरान वाराणसी और विंध्याचल ही नहीं बल्कि पूर्वांचल के कई जिलों में मां के प्रसिद्ध मंदिरों में भारी संख्या में भक्तों का जमावाड़ा लगता है। नवरात्रि के नौ दिन आस्था, श्रद्धा से परिपूर्ण होते हैं, जिसमें लोग मां के नौ स्वरूपों के दर्शन के लिए मंदिर जाते हैं। भक्त महानवमी के दिन खासतौर पर मंदिर जाते हैं और माता के दर्शन करते हैं।पूर्वांचल में कई प्रसिद्ध और प्राचीन मंदिर हैं, जहां भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसे में अगर आप भी नवरात्रि में देवी मां के पवित्र और प्राचीन मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में जान लें। अगर आप पूर्वांचल के रहने वाले हैं तो आपको माता के दर्शन के लिए कहीं दूर जाने की जरूरत नहीं है

पड़ाव
*दुर्गा मंदिर ( मंदिर ) बनारस (या वाराणसी ) के रामनगर में स्थित है । ( जो कि चंदौली के पड़ाव से 5 किलोमीटर दूर पर hai [ 1] ऐसा माना जाता है कि इसे 500 साल पहले बनाया गया था जो वर्तमान में बनारस राज्य के शाही परिवार के नियंत्रण में है। यह मंदिर हिंदू देवता दुर्गा को समर्पित है । मंदिर के साथ एक बड़ा पत्थर से बना तालाब है। दुर्गा मंदिर अपने बेहतरीन पत्थर के कामों का दावा करता है, जो उत्तर भारतीय पत्थर की कला कला का एक शानदार उदाहरण है। यहां की मान्यता भी बहुत खास है सच्चे दिल से मांगी हुई हर मुराद होती है पूरी यहां हमेसा लोगों अपनी मन्नतें लेकर आते है आज अष्टमी के दिन भी बहुत ही धूम धाम से होती हैं पूजा*
देवी कुष्मांडा का मंदिर, वाराणसी: तीन लोक से न्यारी काशी में मां आद्य शक्ति अदृश्य रूप में दुर्गाकुंड मंदिर में विराजमान हैं। माता कुष्मांडा का यह सिद्ध मंदिर प्राचीनतम मंदिरों में से एक माना जाता है। मान्यता है कि यह मंदिर आदिकालीन है। वैसे तो हर समय दर्शनार्थियों का आना लगा रहता है लेकिन नवरात्र के चौथे दिन यहां मां कुष्मांडा के दर्शन और पूजा के लिए भारी भीड़ उमड़ती है। इस मंदिर का उल्लेख ‘काशी खंड’ में भी मिलता है। यह मंदिर वाराणसी कैंट स्टेशन से करीब पांच किमी की दूरी पर है।शैलपुत्री मंदिर, वाराणसी: देवी मां के नौ स्वरूपों में से एक माता शैलपुत्री के दर्शन करना चाहते हैं, तो पवित्र नगरी वाराणसी के अलईपुर क्षेत्र में मां शैलपुत्री का मंदिर है। यहां हर साल काफी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि यहां मां के दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

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