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पीएम मोदी देश को सौंपेंगे जीनोम इंडिया डाटा, होगी बीमारियों की सटीक भविष्यवाणी
ब्यूरो रिपोर्ट
दिल्ली! केंद्र सरकार ने जनवरी, 2020 में भारतीयों की आनुवंशिक जांच व पहचान के लिए जीनोम कार्यक्रम शुरू किया था, जिसके तहत अलग-अलग राज्यों में 20 संस्थानों का चयन किया गया। इन संस्थानों ने देशभर में कुल 83 जनसंख्या समूहों की आनुवंशिक जानकारी जुटाई। उन्होंने बीस हजार से ज्यादा नमूने एकत्रित कर दस हजार जीनोम का बायो बैंक बनाया। भारत में अब बीमारियों की भविष्यवाणी आसान होगी। विभिन्न जनसमुदायों से प्राप्त जीनोम का डाटा सार्वजनिक किया जाएगा,ताकि मरीजों को सटीक दवा और जांच उपकरण मुहैया कराए जा सकें। भारतीयों के इन जीनोम संग्रह को केंद्र सरकार ने जीनोम इंडिया डाटा का नाम दिया है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअल मोड पर बृहस्पतिवार को यहां जीनोमिक्स डाटा कॉन्क्लेव में सार्वजनिक करेंगे। *बड़ी कामयाबी, कई आनुवंशिक वैरिएंट दुर्लभ* केंद्र सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के आला अधिकारी के मुताबिक, जीनोम विज्ञान में यह भारत की सबसे बड़ी कामयाबी है, जिसे पीएम मोदी सार्वजनिक करेंगे। जीनोम-आधारित सटीक दवा विकसित करने की दिशा में यह पहला बड़ा कदम है। उन्होंने बताया, अब तक करोड़ों आनुवंशिक विविधताओं की पहचान हुई है। इनमें से कई आनुवंशिक वैरिएंट दुर्लभ या अस्तित्वहीन हैं, जिनके बारे में कोई जानकारी नहीं है। भारत की आबादी में यह आम हैं। इनसे भविष्य में क्या जटिल बीमारियां हो सकती हैं-इसका पता लगाना आसान होगा। *देसी तरीके विकसित हो सकेंगे* अभी तक हम चिकित्सा क्षेत्र में ज्यादातर पश्चिमी देशों के जरिये तय मानकों का पालन कर रहे हैं, लेकिन अब देश की आबादी के आधार पर बीमारियों की जांच, उपचार और रोकथाम के तौर-तरीके विकसित हो सकेंगे। *क्या है जीनोम* मानव जीनोम डीएनए से बना है, जिसे ए, सी, जी व टी के जरिए दर्शाते हैं। यह आनुवंशिक लिपि करीब तीन अरब अक्षरों तक फैली है। हमारी कोशिकाओं में जीनोम 23 जोड़े गुणसूत्रों के रूप में होते हैं। हमें जीनोम माता-पिता से मिलते हैं।