बिना अनुमति स्वयंभू( छूटभैया) नेताओं के बधाई संदेश के फ्लेक्सी बोर्डों से पटा लालकुआं, शहर वासियों सड़क पर लगाए गए फ्लेक्सी बोर्डों से जताई सड़क दुर्घटनाओं की संभावना, की फ्लेक्स बोर्ड हटाए जाने की मांग
ब्यूरो रिपोर्ट
लालकुआँ- नगर पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही इनदिनों नगर पंचायत लालकुआं क्षेत्र में दीपावली, भैया दूज तथा छठ पर्व पर जनता को बधाई देने वाले छुटभैये नेताओं की बाढ़ सी आई हुई है। भले ही जनता इनको न जानती हो, लेकिन ये लोग फ्लेक्स बोर्ड और फेसबुक आदि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्टर लगाकर खुद को चेहरा दिखाकर खुद को वरिष्ठ नेता बनाने पर तुले हुए हैं।
वही लालकुआं में इस बार दीपावली, भैया दूज तथा छठ पर्व पर लोगों को बधाई देने वालों की बाढ़ सी आई हुई है। शहर के अधिकतर बिजली के खंभों से लेकर सरकारी और यहां तक की निजी दीवारें भी फ्लेक्स बोर्ड और रंग-बिरंगे पोस्टर से पटी पड़ी हैं। इनमें स्वयंभू छुटभैये नेताओं की हाथ जोड़े हुए फोटो लगी हैं और संदेश में क्षेत्र वासियों के लिए दीपावली, भैया दूज और छठ पर्व आदि के बधाई संदेश लिखे हुए हैं। हालांकि इनमें से अधिकांश स्वयंभू छुटभैया नेताओं को जनता पहचानती तक नहीं है।
उक्त अधिकांश फ्लेक्स बोर्ड बिजली के खंभों पर लगाए गए हैं। जिनको लगाए जाने के लिए संबंधित विभाग से परमिशन तक नहीं ली गई है। वहीं नेशनल हाईवे की सड़क पर लगे इन रंग-बिरंगे बोर्डों से कभी सड़क हादसा हो सकता है। लेकिन स्वयंभू छुटभैये नेताओं को लोगों की जानमाल की कोई परवाह नहीं है और वे बधाई संदेश लिखे फ्लेक्स बोर्डों को शहर भर में लगान में जुटे हुए हैं। इनमें से कई स्वयंभू छूटभैये नेताओं ने तो जगह-जगह बिजली पोलों पर ही पोस्टर लटका दिए हैं। इन स्वयंभू छूटभैये नेताओं की बधाई संदेश से पटे शहर को देखकर आम लोग खासे परेशान हैं। उनका कहना है कि सत्ता से लेकर दुकानों में बैठकर अपनी चाटुकारिता की दुकान चला रहे कुछ चाटुकार अपने आकाओं को खुश करने के लिए शहर भर में फ्लेक्स बोर्ड लगवाकर अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहे हैं और उन्हें आम जनता के दुख-दर्द की कोई चिंता नहीं है। इधर-उधर सरकारी खम्भों पर लटके स्वयंभू छुटभैये नेताओं में कई एक तो ऐसे भी हैं कि सत्ता की बहती हवा देख गिरगिट की तरह रंग बदलने में माहिर हैं। ये सड़क छाप स्वयंभू छुटभैये नेता सत्ताधारी नेताओं को खुश करने अथवा अपनी करतूतों को छिपान की गर्ज से अक्सर पाला बदलते रहते हैं।
इधर शहर में फ्लेक्स बोर्ड लगाने के लिए नगर पंचायत से मंजूरी लेनी होती है। तब कहीं जाकर फ्लेक्स बोर्ड लगाए जा सकते हैं, लेकिन नगर पंचायत से शायद ही किसी एक स्वयंभू छुटभैये नेता ने मंजूरी ली हो।
वहीं आम जनता का कहना है कि शहर में बधाई संदेश देने के नाम पर लगाए गए फ्लेक्सी बोर्डों से दुर्घटनाओं की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है। क्योंकि इन्हें देखने के चक्कर में अक्सर वाहन चालक वाहन पर अपना नियंत्रण खो देते हैं जिससे कभी भी यहां बड़ा सड़क हादसा हो सकता है। लोगों का कहना है कि अपनी नेतागीरी चमकाने में लगे ऐसे स्वयंभू छुटभैये नेताओं के सड़क किनारे बिना अनुमति के लगाए गए फ्लेक्स बोर्डों को तत्काल हटाकर उनके खिलाफ स्थानीय प्रशासन को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।