आखिर डॉ सर्वेश निराला को नोडल अधिकारी से हटाकर डॉ प्रमोद देशवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त कर हीरो क्यों बनाया,

आखिर डॉ सर्वेश निराला को नोडल अधिकारी से हटाकर डॉ प्रमोद देशवाल को नोडल अधिकारी से हटाकर डॉ प्रमोद देशवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त कर हीरो क्यों बनाया,

सीएमओ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के चिकित्सा अधिकारीयों को ही क्यों नोडल अधिकारी नियुक्त करते है,जबकि एसीएमओ नोडल अधिकारी नियुक्त होने के लिए प्रयाप्त है,

रिपोर्ट शमीम अहमद

बिजनौर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कौशलेंद्र सिंह ने उप मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को नोडल अधिकारी क्वैक्स बनाने की जगह प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतवाली देहात के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ सर्वेश निराला और चंदक के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार को नोडल अधिकारी क्वैक्स नामित किया। गौरतलब है कि बिजनौर जनपद में एसीएमओ इतने नियुक्त हैं कि नोडल अधिकारी क्वैक्स पांचों तहसीलों पर नियुक्त कर दे तो और शेष एसीएमओ नोडल अधिकारी का चार्ज लेने के लिए बचें रहेंगे। “सवाल” ये  हैं  कि एसीएमओ और डिप्टी सीएमओ को चार्ज न देकर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को ही क्यों नोडल अधिकारी बनाया जा रहा है। विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग नोडल अधिकारी क्वैक्स इसलिए नियुक्त किए जाते हैं कि झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी हॉस्पिटलों पैथोलॉजी लैब अल्ट्रासाउंड क्लीनिकों अस्पतालों नर्सिंग होम आदि के द्धारा मौतों के ग्राफ को नीचे लाया जा सके। लेकिन झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी हॉस्पिटलों द्धारा मौतों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि झोलाछाप डॉक्टर स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी की एक आवाज पर मोटी रकम से जेब गर्म कर देते हैं। इसलिए झोलाछाप डॉक्टर किसी से भी नहीं डरते हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ कौशलेंद्र सिंह ने एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किरतपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रमोद देशवाल को नोडल अधिकारी बनाकर हीरों बना दिया और एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र कोतवाली देहात के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ सर्वेश निराला को नोडल अधिकारी बनाकर 20 घंटे में ही नोडल अधिकारी पद से हटाकर जीरों बना दिया ये एक बड़ा प्रश्न है।
उत्तर प्रदेश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ के महानिदेशक के संज्ञान में यह प्रकरण आ गया है।
लेकिन विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र किरतपुर के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी एवं वर्तमान में नोडल अधिकारी क्वैक्स डॉ प्रमोद देशवाल ने अपनी नौकरी में पता गृह जनपद सहारनपुर लिखवा रखा है और जबकि उनका गृह जनपद, जनपद बिजनौर है। सोचनीय विषय यह है कि डॉ प्रमोद देशवाल ने अपने गृह जनपद बिजनौर से हटवाकर नौकरी में गृह जनपद सहारनपुर क्यों लिखवाया है!
विश्वसनीय सूत्र का इस विषय को लेकर कहना है कि स्वास्थ्य विभाग बिजनौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जन सूचना अधिकार 2005 के अंतर्गत सूचना मांगी गई है। उस सूचना के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लखनऊ के महानिदेशक से जांच कराकर कार्रवाई की मांग की जायेगी। आखिर इतने नोडल अधिकारी बनाने व एसीएमओ होने के बाद भी दूसरे डॉक्टरों का नाम लिखकर किसके इशारे पर हॉस्पिटल संचालित हो रहे है। सूत्रों की माने तो धामपुर व शेरकोट में दर्जनों हॉस्पिटल चल रहे जिन डॉक्टर का नाम लिखा गया है उन डॉक्टरों को ही ये पता नही है कि वह उस हॉस्पिटल में बैठते है।

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