बिजनौर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज़ पठान को गुंडा एक्ट में 6 माह के लिए किया जिला बदर

बिजनौर कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज़ पठान को गुंडा एक्ट में 6 माह के लिए किया जिला बदर

शेरबाज़ पठान ने बताया एक पक्षीय कार्यवाही

जिला बदर में शेरकोट से इलियास कुरैशी भी शामिल

ब्यूरो रिपोर्ट

*बिजनौर।* कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज पठान को गुंडा एक्ट के मामले में छह महीने के लिए जिला बदर कर दिया गया है। एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। इसके अलावा कई अन्य को भी छह माह के लिए जिला बदर किया गया है। शेरबाज को जिला बदर किए जाने से चांदपुर में नगर पालिका चेयरमैन पद का चुनाव लड़ने के इच्छुक उनके व्यक्तिगत विरोधी काफी खुश बताए जा रहे हैं।
जिला प्रशासन ने कई आरोपियों को गुंडा अधिनियम में कार्यवाही करते हुए छह माह के लिए जिला बदर कर दिया है। जिला बदर होने वालों में कांग्रेस जिला अध्यक्ष व चांदपुर के मोहल्ला चाहसंग निवासी शेरबाज पठान पुत्र निसार अहमद के अलावा ग्राम हीमपुर बुजुर्ग निवासी शाहरुख पुत्र शकील, शेरकोट के मोहल्ला अफगानान निवासी इल्यास पुत्र हनीफ व नईम अहमद पुत्र खुदाबख्श, मोहल्ला हकीमान निवासी सलीम अहमद कुरैशी पुत्र मोहम्मद समी व फहीम अहमद पुत्र इमामद्दीन, हीमपुर दीपा थाना क्षेत्र के ग्राम रावटी निवासी गोपाल पुत्र दयाराम तथा स्योहारा के ग्राम कमाला निवासी विपिन पुत्र ऋषिपाल, अनीस नंगली निवासी मुस्लिम उर्फ सुक्कू पुत्र शब्बीर व अम्मन खां पुत्र शकूर शामिल बताए गए हैं।
विदित हो कि चांदपुर पुलिस ने मौजूदा कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज पठान को गुंडा एक्ट में निरुद्ध किया था। मामले में सुनवाई करने के बाद एडीएम प्रशासन की कोर्ट ने शेरबाज पठान को छह महीने के लिए जिला बदर करने के आदेश जारी किए। इसी के साथ उक्त अवधि में जिले में दिखाई देने पर कार्रवाई के आदेश भी जारी किए हैं। पुलिस अधीक्षक डॉ. धर्मवीर सिंह ने पुष्टि करते हुए बताया कि शेरबाज पठान को छह महीने के लिए जिला बदर किया गया है।
इस मामले में चांदपुर पुलिस को भनक नहीं लग पाई, एडीएम प्रशासन विनय कुमार ने बताया कि शेरबाज पठान काफी लंबे समय से हाजिर नहीं हो रहे थे। कई आपराधिक मामले दर्ज थे। यह फाइल काफी लंबे समय से पेंडिंग थी। अब इस पर जिला बदर की कार्रवाई हुई है। वहीं कांग्रेस जिलाध्यक्ष शेरबाज पठान ने बताया कि यह एक पक्षीय कार्रवाई है। 2017 में मेरे पास एक नोटिस आया था, उस समय जिले में तैनात डीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि कोई कार्रवाई नहीं होगी। इतने लंबे समय बाद यह कार्रवाई क्यों हुई, समझ नहीं आ रहा। उच्चाधिकारियों से इस मामले में बातचीत की जाएगी।

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